धनबादः कोयला चोरी राज्य में इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है कि यह चोरी डकैती के रूप में बदल हो चुकी है. धनबाद में खुलेआम धड़ल्ले से कोयला तस्करी हो रही है और इस पूरे मामले में पुलिस से लेकर नेता तक सभी की एक बड़ी हिस्सेदारी होती है. भले ही राज्य के आलाधिकारी कोयला तस्करी पर रोक लगाने को लेकर दिशा निर्देश जारी करते रहे हों. लेकिन जिला स्तर पर राजनितिक दबाव के आगे सारी प्रशासनिक का पहल धरी की धरी रह जाती है. कई कोयला तस्कर विभिन्न दलों में शामिल होकर कोयला तस्करी को परवान चढाने में लगे हैं. धनबाद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कोयला तस्करी को लेकर लाखों रुपए पुलिस आलाधिकारियों को बतौर पेशगी दी जाती है. जगह-जगह बीसीसीएल और ईसीएल के बंद कोयला खानो से कोयला की अवैध कटाई कराई जाती है. बड़े पैमाने पर महिला पुरूष अवैध कोयला कटाई कर माफियाओं के अड्डे तक कोयला पहुंचते हैं. जहां से इस अवैध कोयले को ट्रकों के जरिए फर्जी कागजातों पर बाहर मंडी में भेजा जाता है.
चलती है समानांतर सरकार
धनबाद जिले में कोयला तस्करी चरम पर है. कोयला चोरी से अरबों रुपए के राजस्व का नुकसान सरकार को हर महीने हो रहा है. हर महीने कोयला के अवैध खनन में लोग मर रहे हैं. एक के बाद एक मौत हो रही हैं, उसके बाद भी खुलेआम कोयला चोरी बदस्तूर जारी है. धनबाद एसएसपी भी मानते हैं कि बीसीसीएल और ईसीएल के अफसर, सभी राजनितिक दलों से जुड़े लोग, खनन महकमा और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों से लेकर अफसरों को इंसान की जान की परवाह नहीं है. सबको अपना हिस्सा चाहिए. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह धंधा कोयला सेक्टर के सामानांतर (पैरलेल) चलती है. भले ही कोल सेक्टर हानि में हो पर इलीगल माइनिंग कभी लॉस में नहीं जाती है यह धंधा हर वक्त फलता-फूलता रहता है.
शिबू सोरेन के प्रलोजल से लगेगी लगाम
झारखंड इंडस्ट्रीज ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष की मानें तो उनका कहना है कि 2004 में जब शिबू सोरेन कोल मिनिस्टर थे तो उन्होंने एक अच्छी प्लान ले कर आई थी कि कैसे इस इलीगल माइनिंग को लीगल माइनिंग में तब्दील किया जाए. उन्होंने कहा था कि अगर एक कॉपरेटिव सोसाइटी बना कर इन मजदूरों से माइनिंग करवाया जाए इन मजदूरों का बीमा करवाया जाए और इनकी ओर से उत्खनन कोयला कॉल इंडिया ले ताकि बिचौलिया खत्म हो और गैरकानूनी माइनिंग का अंत हो जाएगा. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान भी नहीं होगा. पर उस वक्त कई अधिकारी और सफेदपोश नेता को यह बात नागंवार गुजरी. झारखंड इंडस्ट्रीज ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव शर्मा का कहना है कि अगर सरकार ईमानदारी पूर्वक इसपर अंकुश लगाना चाहती है तो शिबू सोरेन का यह प्रोपजल पर काम करे अविलंब इस पर रोक लग जाएगा.