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धनबाद के निरसा में बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी, सरकार को राजस्व का नुकसान - खनन माफिया

धनबाद में अवैध खनन पर रोक लगाने के बावजूद बालू का उठाव धड़ल्ले से जारी है. इससे निरसा विधानसभा दी अछूता नहीं हैं. ऊंचे दाम लगाकर कई क्षेत्रों में बालू की बिक्री की जाती है. ऐसे में सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

Illegal mining of sand continues in Dhanbad
धनबाद में बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी

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Published : Mar 17, 2021, 1:50 PM IST

धनबाद: झारखंड सरकार की ओर से अवैध खनन पर रोक लगने के बावजूद अवैध बालू का उठाव धड़ल्ले से जारी है. बताते चलें कि अवैध कारोबार का यह खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तो इससे निरसा विधानसभा भी अछूता नहीं है. अवैध कारोबारी बालू की तस्करी धड़ल्ले से कर रहे हैं. हर दिन लाखों का गबन कर रहे हैं. लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मुकम्मल कदम नहीं उठाया गया है.

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ऐसे होता है बालू खनन

निरसा विधानसभा में बरबिंदिया, मैथन, तलहटी, बराकर नदी, पंचेत और चिरकुंडा के घाटों से खनन माफिया बे-रोकटोक बालू का खनन कर ट्रैक्टर के माध्यम से निरसा के कई क्षेत्रों और बंगाल में तस्करी करते हैं. बालू का उठाव तो निशुल्क करते हैं, लेकिन ऊंचे दामों में कई इलाकों में बालू की बिक्री की जाती है. हाल यह है कि एक संगठित व्यापार की तरह कार्य कर रहा है. स्थानीय पुलिस की ओर से छापेमारी होती है तो तस्कर ट्रैक्टर यूनियन के तहत पुलिस पदाधिकारियों पर दबाव बनाते हैं. निरसा क्षेत्र के इन सभी घाटों के पास बालू माफिया हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर बालू का उठाव धड़ल्ले से कर रहे हैं और ये बालू धनबाद से लेकर पश्चिम बंगाल के आसनसोल के विभिन्न इलाको में ऊंचे दाम पर बिक रहे हैं.

अवैध बालू का खेल नजरअंदाज

कोयले की तस्करी पर तो पुलिस पैनी नजर रखती है, लेकिन अवैध बालू पर किसी का ध्यान नहीं है. सरकार को लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है. गौरतलब है कि पिछले 1 साल से झारखंड में समस्त बालू घाटों की बंदोबस्ती संपन्न नहीं हुई है. जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. साल 2017 से झारखंड स्टेट सैंड माइनिंग पॉलिसी लागू की गई थी, जिसके तहत बंदोबस्ती या नीलामी का प्रावधान नहीं है. अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तरीय टास्क फोर्स समय-समय पर कार्रवाई करती है पर ये अवैध बालू का खेल जारी है. झारखंड में कैटेगरी-1 में 235 और कैटेगरी -2 में 358 बालू घाट हैं जहां अब तक बालू की निलामी नहीं हुई है.

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