धनबाद:पिछले दिनों झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी सह भाजपा नेत्री रागिनी सिंह का फेसबुक क्लोन बनाकर लोगों से ठगी करने को लेकर सरायढेला के सायबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस पूरे मामले में साइबर डीएसपी सुमित सौरभ लकड़ा ने सोशल मीडिया को सुरक्षित करने के विशेष उपाय बताएं.
जानकारी देते साइबर डीएसपी फेसबुक क्लोन बनाकर लोगों से ठगीसाइबर डीएसपी ने बताया कि फेसबुक एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसमें निजी जानकारियां लोग शेयर करते हैं, लेकिन लोग यह भूल जाते हैं कि फेसबुक में लगाई गई फोटो का दुरुपयोग भी किया जा सकता है. फेसबुक अकाउंट के प्रोफाइल में लगी तस्वीर को बड़ी ही आसानी से स्क्रीनशॉट कर सेव कर लिया जाता है. इस तस्वीर के जरिए फेसबुक clone बना दिया जाता है. मतलब दूसरा कोई भी फेसबुक बना सकता है. फेसबुक के टर्म कंडीशन में यह बात है कि एक नाम से कोई एक ही फेसबुक अकाउंट बना सकता है, लेकिन लोग एक से अधिक फेसबुक आईडी बनाकर रखते हैं. यह गलती लोग अक्सर करते हैं.
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फेसबुक के फोटो को स्क्रीनशॉट ना ले
फेसबुक आईडी बनाने के बाद लोग पासवर्ड भूल जाते हैं. फिर दूसरा आईडी बनाते हैं. उसी फेसबुक आईडी से सभी को दोबारा फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. इसी बात का फायदा सायबर अपराधी उठा लेते हैं. इस तरह से सायबर अपराधी एक फेसबुक आईडी किसी के भी नाम से बना लेते हैं. फिर सबको भरोसे में लेकर ठगी करते हैं. सायबर डीएसपी ने बताया कि फेसबुक को इस्तेमाल करने के लिए उसकी सुरक्षा को जानना भी बेहद महत्वपूर्ण है. फेसबुक के फोटो को स्क्रीनशॉट ना ले. इसके लिए प्रोफाइल गाइड का उपयोग करें. फेसबुक की सेटिंग से इसका उपयोग कर सकते हैं. फेसबुक प्रोफाइल ज्यादातर लोग ओपन टू ऑल मोड में रखते हैं. इसे रिस्ट्रिक्टेड कर देना चाहिए, ताकि आपके खुद के फ्रेंड्स को छोड़कर दूसरा कोई भी आपका प्रोफाइल ना देख सके.
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स्ट्रांग पासवर्ड बनाए
फेसबुक आईडी हैक होने के संबंध में साइबर डीएसपी ने बताया कि ज्यादातर लोग अपना आईडी मोबाइल नंबर से बनाते हैं और उसका पासवर्ड भी मोबाइल नंबर ही डालते हैं. सिंपल यूजर आईडी और पासवर्ड रखने के कारण कोई भी फेसबुक को हैक कर सकता है, जो भी आपका मोबाइल नंबर जानता हो. इसके लिए एक स्ट्रांग पासवर्ड बनाने की जरूरत है. कभी भी यूजर आईडी और पासवर्ड एक जैसा ना रखें. सिक्युरिटी सेटिंग्स में टू फैक्टर authentication ऑन करके रखना चाहिए. इसका फायदा यह है कि यदि आपके मोबाइल में फेसबुक लॉगिन है और कोई दूसरा लॉगिन करना चाहेगा तो एक ओटीपी मोबाइल आएगा. इस ओटीपी को बिना डाले लॉगिन नहीं किया जा सकता है.
फ्रेंड्स को add करते समय रखें विशेष ध्यान
लॉगिन एल्टर्स के जरिए भी फेसबुक हैक होने से बचाया जा सकता है. कोई भी यदि फेसबुक को एक्सेस करने की कोशिश करेगा तो यह मोबाइल पर अलर्ट करता है. यदि आपके पास अलर्ट आता है तो खुद आप सभी इसे लॉग आउट फ्रॉम ऑल एक्सिस कर सकते हैं. बाद में इसका पासवर्ड चेंज कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि फ्रेंड्स को add करते समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. किसी भी अनजान व्यक्ति को फ्रेंड्स ना बनाएं. यदि कोई फ्रेंड्स फिर से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है तो उनसे फोन कर इस बात की जानकारी लें, उसके बाद ही फ्रेंड रिक्वेस्ट एकसेप्ट करें.