धनबाद:देशभर के विभिन्न अस्पतालों में तेजी से हो रहे बच्चों की मौत पर हड़कंप मचा हुआ है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बच्चों की मौत ना हो इसके लिए अस्पताल अधीक्षक और संबंधित विभाग के एचओडी गंभीर हैं और लगातार बच्चों की वार्ड का जायजा ले रहे हैं.
राजस्थान और गुजरात के अस्पतालों में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत देशभर में चिंता का विषय बना हुआ है. धनबाद के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में भी बच्चों की मौत के आकड़े चिंताजनक है. अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2019 में कुल 813 नवजात बच्चों की मौत हुई है. अब पीएमसीएच में अस्पताल अधीक्षक और डॉक्टर गंभीर नजर आ रहे हैं. यहां प्रत्येक दिन पीएमसीएच अधीक्षक और संबंधित विभाग के एचओडी अपने संबंधित वार्ड का जायजा ले रहे हैं ताकि यहां भी बच्चों की मौत का सिलसिला जारी ना रहे.
PMCH अस्पताल लाने में देरी से हाेती हैं ज्यादातर मौतें
पीएमसीएच अधीक्षक अरुण कुमार चौधरी से जब बच्चों की मौत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पीएमसीएच धनबाद में आए नवजात की मौत दूसरों जिलों से आए मरीज बच्चों के कारण ज्यादा होती है. क्योंकि सभी जगह से इलाज कराने के बाद जब बच्चा ठीक नहीं होता है तो आखिरी में परिजन बच्चों को लेकर पीएमसीएच धनबाद पहुंचते हैं. इस अस्पताल में लगभग 100 किलोमीटर दूर-दूर से आते-आते बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है. ऐसे में हमारे यहां नवजात बच्चों की मौत का रिकॉर्ड ज्यादा हो जाता है और हम चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं. हालांकि जब पीएमसीएच के शिशू विभाग के एनआईसीयू में ईटीवी भारत की टीम गई तो वहां पर एक वार्मर में दो-दो बच्चे को रखा पाया गया. जब पीएमसीएच अधीक्षक से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा बच्चों में इस कारण संक्रमण का खतरा नहीं होता है लेकिन जानकारों के अनुसार यह सही नहीं है. क्योंकि वार्मर में रखे नवजात बच्चों में एक-दूसरे से संक्रमण का बना रहता है.
जरूरत से कम है वॉर्मरों की संख्या
इस पूरे मामले में जब पीएमसीएच अधीक्षक अरुण कुमार चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि अब पीएमसीएच में लापरवाही की वजह से एक भी नवजात की मौत नहीं होगी. इसके लिए पीएमसीएच प्रबंधन पूरी तरह से सजग है. हालांकि उन्होंने कहा कि यहां पर जितने वार्मर की जरूरत है उतना नहीं है. मात्र 13 वार्मर ही पीएमसीएच में उपलब्ध है. लेकिन इसके बावजूद भी किसी तरह की कोई दिक्कत पीएमसीएच प्रबंधन नहीं होने देगा.
डॉक्टरों ने बताया दूसरे अस्पतालों की तुलना में PMCH बेहतर