धनबादः झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की शुरुआत की है. प्रवासी मजदूरों और कोरोना संक्रमण के दौरान बेरोजगार हो चुके लोगों को स्वावलंबन बनाने की दिशा में इस योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना से लोग स्वरोजगार से जुड़ सके और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जिला पशु पालन पदाधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह ने इस योजना की जानकारी देते हुए जरूरतमंदों को लाभ उठाने की अपील की है.
प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की पहल, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से बनेंगे स्वावलंबी
प्रवासी मजदूरों और कोरोना काल के दौरान बेरोजगार हो चुके लोगों को स्वावलंबन बनाने की दिशा में झारखंड सरकार ने पहल करते हुए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की शुरुआत की गई है. योजना को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने जिला पशु पदाधिकारी से खास बातचीत की.
पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है. प्रवासी मजदूरों बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना, उन्हें पलायन से रोकना सरकार का मुख्य उद्देश्य है. गव्य विकास, पशुपालन विभाग, कल्याण विभाग और ग्रामीण विकास विभाग चारों को मिलाकर इस योजना को तैयार किया गया है.
ग्राम सभा के माध्यम से लाभुकों का योजना के लिए चयन किया जाएगा, प्रखंड स्तरीय समिति इसका अनुसंशा करेगी. ग्राम सभा के प्रमुख अध्यक्ष बीडीओ उपाध्यक्ष विभागीय अधिकारी और स्थानीय विधायक की एक कमिटी बनाई गई गई है. सभी लाभुकों की सूची डीसी, डीडीसी विधायक और अधिकारियों की जिला स्तरीय कमिटी सूची का अनुमोदन करेगी. अनुमोदित लोगों को डीबीटी के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किया जाएगा. गौ-पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, बत्तख पालन और अन्य कार्य इस योजना में शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि लोगों इसमें अपनी ओर से अंशदान भी करना है, काम के दौरान जो समस्याएं खड़ी होंगी, उसमें विभाग हर तरह से सहयोग करेगी. पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि अगर हम इस योजना को धरातल पर उतारने में कामयाब हो जाते हैं तो जिला का परिदृश्य बदलेगा, लोगों की आय में भी वृद्धि होगी और वो स्वावलंबन बनेंगे.