धनबाद: जिले में एक पुत्र अपने पिता की अर्थी को कंधा तक ना दे सका और अब ऐसा लगता है कि शायद उस पुत्र को मृत पिता के क्रियाकर्म में शामिल होना भी नसीब में नहीं है.
जिले के बांसजोड़ा के रहने वाले पुत्र गोरखनाथ पेशे में शिक्षक हैं, और उनके पिता की मौत हो गई है. वहीं, जब गोरखनाथ को पिता के मौत की खबर मिली, जिसके बाद उसने डीटीओ कार्यालय में पैतृक आवास यूपी के बलिया जाने के लिए 23 अप्रैल को आवेदन दिया. इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन की प्रकिया भी पूरी हुई, लेकिन उन्हें इसके लिए स्वीकृति नहीं मिली. यही नहीं अपने पैतृक गांव के मुखिया के जरिए प्रमाणित पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र भी महज दो घंटे के अंदर ऑनलाइन जमा किया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण अब तक पास नहीं मिला.