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धनबादः निजी अस्पताल पर आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी का आरोप, प्रबंधन ने परिजन को लौटाए पैसे

धनबाद के एक निजी अस्पताल में बीती रात एक मरीज के परिजन और अस्पताल प्रबंधन के बीच जमकर बहस हुई. दरअसल, परिजनों ने प्रबंधन पर आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है. सूचना पर पहुंची गोविंदपुर थाना पुलिस ने मामले को शांत कराया.

ruckus in private hospital in dhanbad
मरीज के परिजन

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Published : Sep 9, 2020, 1:50 PM IST

धनबाद: जिला के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के सीधाटांड स्थित एक निजी अस्पताल में बीती रात एक मरीज के परिजनों ने जमकर बवाल मचाया. दरअसल, 10 दिनों तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद उसका ऑपरेशन नहीं किया जा रहा था, इसको लेकर परिजन काफी आक्रोशित थे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत करवाया. वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद मरीज से पैसा ले लिया था.

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अस्पताल में हंगामागोविंदपुर स्थित एक निजी अस्पताल में बीती रात्रि परिजन और अस्पताल प्रबंधन के बीच जमकर हंगामा हुआ. आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज से 5 हजार रुपए ले लिए थे. 10 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखने के बाद ऑपरेशन भी नहीं किया जा रहा था. पहले कोरोना जांच कराने की बात कही गई. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी डॉक्टर बहाना बनाकर ऑपरेशन टाल रहे थे और मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए बोला जा रहा था. इसको लेकर मरीज के परिजन आक्रोशित हो गए.

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आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी
परिजनों ने आरोप लगाया कि आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी करने के लिए सिर्फ मरीज को भर्ती कराया जाता है. साथ ही कुछ कागजों पर हस्ताक्षर लेकर बगैर ऑपरेशन के ही कई मरीजों को इसी प्रकार अस्पताल प्रबंधन की ओर से घर भेज दिया जाता है. इस प्रकार की शिकायत बराबर इस अस्पताल में मिलती रहती है. हालांकि मामले की सूचना पाकर गोविंदपुर पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद प्रबंधन ने इलाज के लिया गया मरीज को देने के बाद मामला शांत हुआ.

अस्पतालों की होनी चाहिए जांच
वहीं, अस्पताल प्रबंधक विवेक कुमार ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के तहत किसी प्रकार का कार्य इस मरीज का अब तक नहीं किया गया है. एनेस्थेटिक डॉक्टर नहीं आने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. मरीज के परिजनों के हंगामा करने के कारण मजबूरन पैसा वापस किया जा रहा है. परिजनों ने आयुष्मान कार्ड को लेकर जिस प्रकार के आरोप लगाए गए हैं, ऐसे में इसकी जांच भी जिले के विभिन्न अस्पतालों की जरूर होनी चाहिए. क्योंकि आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी का मामला कई बार सामने आ चुका है.

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