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आंख के जरिये जिंदा रहेगा अक्षत, बेटे की मौत के बाद मां-बाप ने किया नेत्रदान - दिव्यांग का नेत्रदान

धनबाद के दिव्यांग अक्षत की आंखों का उसके माता-पिता ने दान कर दिया है. अक्षत ने इससे पहले नेत्रदान की घोषणा कर रखी थी.

Eye donation in Dhanbad of handicapped
आंख के जरिये जिंदा रहेगा अक्षत

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Published : Dec 12, 2021, 3:34 PM IST

Updated : Dec 12, 2021, 6:05 PM IST

धनबादःकुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो मौत के बाद भी अपने काम के कारण लोगों की यादों में जिंदा रहते हैं. ऐसा ही धनबाद में एक दिव्यांग है, जिसकी मौत हो गई, लेकिन वह अपनी आंखों के जरिये समाज के बीच रहेगा. गंभीर बीमारी से पीड़ित 26 साल के अक्षत ने अपने जीवन काल में नेत्रदान की इच्छा जताई थी. मृत्यु के बाद उसके मता पिता ने अक्षत का नेत्रदान कर उसकी अंतिम इच्छा पूरी की.

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झरिया थाना क्षेत्र के फतेहपुर के रहने वाले नरेश देसाई ने बेटे अक्षत देसाई की मौत के बाद उसका नेत्रदान कर दिया. इससे पहले अक्षत ने नेत्रदान की घोषणा कर रखी थी. उसके निधन के बाद अक्षत के पिता नरेश देसाई ने चिकित्सकों को इसकी सूचना दी. फिर चिकित्सकों की टीम ने आकर आंख को सुरक्षित रख लिया. अक्षत देसाई विकलांग व मस्कुलर डिस्टेंस बीमारी से ग्रसित था.

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आई बैंक की टीम आईअक्षत के पिता नरेश देसाई और माता देवयानी देसाई ने बताया कि बेटे के निधन के बाद आई बैंक धनबाद को सूचना दी. दृष्टि आई बैंक SNMMCH धनबाद की पांच सदस्यीय टीम आने पर उसकी आंखों को दान कर दिया. टीम का नेतृत्व संजय कुमार ने किया, जबकि टीम में नंदकिशोर चौधरी, रमेश प्रसाद व अन्य मेडिकल की अन्य छात्राएं थी.

अक्षत ने दी प्रेरणा

मां ने बताया कि उसके बेटे ने समाज को एक नया संदेश और प्रेरणा दी है. इस संबंध में दृष्टि आई बैंक पीएमसीएच धनबाद के डॉ संजय कुमार ने कहा कि झरिया से आंख दान करने की सूचना पाकर पांच सदस्यीय टीम पहुंची. अक्षत के शरीर से आंखें सफलतापूर्वक निकालीं गईं. आंखें सुरक्षित हैं. कार्निया की स्थिति क्या है, इसकी जांच की जाएगी.

Last Updated : Dec 12, 2021, 6:05 PM IST

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