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धनबाद: गुहीबांध तालाब में धड़ाधड़ बन रहे मकान, आधे से कम हुआ तालाब का रकबा

धनबाद में अतिक्रमणकारियों की नजर तालाबों पर पड़ गई है. धनबाद का गुहीबांध भी इसी का नमूना है. कभी 13 एकड़ में फैला तालाब आज 7 एकड़ रकबे में सिमटकर रह गया है. अतिक्रमणकारी यहां भी रूके नहीं हैं, लेकिन प्रशासन मौन है. इससे गुहीबांध तालाब के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

Encroachers occupied Guhibandh pond in dhanbad
धनबाद: कभी बाघमारा इलाके का प्रमुख जलस्रोत रहा गुहीबांध तालाब अस्तित्व खोने की कगार पर, जानिए कैसे विलुप्त हो रही धरोहर?

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Published : Jun 24, 2021, 12:29 PM IST

Updated : Jun 24, 2021, 7:55 PM IST

धनबाद: कोयलांचल में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, फर्जी कागजात बनाकर सरकारी जमीन की खरीद बिक्री भूमाफिया तो कर ही रहे थे. अब अतिक्रमणकारियों और भूमाफिया (land mafia) की नजर सरकारी तालाबों पर पड़ गई है. बाघमारा का गुहीबांध तालाब इसका नमूना है, जिसके आधे रकबे पर अतिक्रमण अब तक हो चुका है. जल्द ही प्रशासन ने नहीं चेता तो शहर का प्रमुख जलस्रोत अपना अस्तित्व खो सकता है.

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जानें पूरा मामला

बाघमारा अंचल के कतरास का गुहीबांध तालाब किसी समय में यहां का प्रमुख जलस्रोत था. आज इस पर अतिक्रमणकारियों की बुरी नजर पड़ गई है. इससे दिन ब दिन तालाब का आकार छोटा होता जा रहा है. कभी लगभग 13 एकड़ में फैला ये तालाब दो साल पहले सीमांकन में लगभग सात एकड़ तक सिमटा मिला. जिस रफ्तार से इसके किनारे पर जमीन भराई कर अतिक्रमणकारी निर्माण कार्य कर रहे हैं और उसमें अपना आशियाना बना रहे हैं. अगले कुछ सालों में इसके विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार संबंधित विभागों को इस बारे में जानकारी दी गई, लेकिन परिणाम अब तक कुछ भी नहीं निकला.

देखें पूरी खबर

नगर निगम से कार्रवाई की मांग

इस मामले में जब धनबाद नगर निगम के एक वार्ड के पूर्व पार्षद विनायक गुप्ता ने नगर निगम के सामने इस मसले को उठाया था. उन्होंने इस विषय पर चिंता जताई और गुहीबांध तालाब के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की मांग की थी. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की गई है. उन्होंने अतिक्रमण की रोकथाम के लिए सक्षम विभाग से उचित कार्रवाई की मांग भी की है.

सीमांकन के बाद सात एकड़ में सिमटा तालाब


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बाघमारा सीओ ने क्या कहा

बता दें कि इस मामले में जब बाघमारा सीओ से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है और संबंधित अंचल अधिकारी से इस विषय में जांच कर तालाब से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है. तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराएंगे. इसके लिए नगर आयुक्त से चर्चा भी की गई है और इसके सौंदर्यीकरण की भी पहल करने पर भी चर्चा की गई है.

गुहीबांध तालाब खो रहा अपना अस्तित्व

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तालाबों पर अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

  • तालाबों पर कब्जे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2001 को एक आदेश में कहा था कि जंगल, तालाब, पोखर, पठार और पहाड़ आदि का अनुरक्षण पर्यावरणीय संतुलन के लिए जरूरी है. शीर्ष न्यायालय ने निर्देश दिया था कि तालाबों को तालाब के रूप में ही बनाए रखा जाय, उनका विकास एवम सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए, जिससे जनता उसका उपयोग कर सके. कोर्ट ने आदेश दिया था कि तालाबों के समतलीकरण के परिणामस्वरूप किए गए आवासीय पट्टों को निरस्त किया जाए और आवंटी स्वयं निर्मित भवन को 6 माह के भीतर ध्वस्त कर तालाब की भूमि का कब्जा ग्रामसभा को लौटाएं. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो प्रशासन इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराए.
  • सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में तालाबों पर अतिक्रमण के ही मामले में एक आदेश दिया था कि प्रकृति प्रदत्त तालाबों को 1951-52 की स्थिति में बरकरार माना जाय.
    तालाब के सौंदर्यीकरण की पहल पर चर्चा

धनबाद में तालाब

  • धनबाद में करीब 2300 छोटे-बड़े तालाब हैं, इसमें मत्स्य पालन विभाग 1103 तालाबों की ही बंदोबस्ती करता है. यानी इतने ही तालाबों में पानी है और इनमें मछली पालन होता है या इनका सिंचाई के लिए उपयोग होता है.
  • 1113 से अधिक तालाब या तो सूख चुके हैं या इन पर अतिक्रमण कर इनका अस्तित्व खत्म कर दिया गया है.
Last Updated : Jun 24, 2021, 7:55 PM IST

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