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Published : Feb 3, 2020, 11:22 PM IST

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रोज वैली चिटफंड कंपनी पर ED ने कसा शिकंजा, धनबाद के लोगों की बढ़ी आस

रोज वैली के बहुचर्चित चिटफंड घोटाले में धनबाद में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने शिकंजा कसा है. रोज वैली बंगाल की एक कंपनी थी और धनबाद के चिरकुंडा, कुमारडुबी, निरसा, गोविंदपुर, झरिया आदि अनेकों जगहों पर इस कंपनी के दफ्तर खोले गए थे और स्थानीय लोगों को एजेंट बनाकर लोगों से जमकर पैसों की उगाही की गई थी.

रोज वैली चिटफंड कंपनी पर ED ने कसा शिकंजा, धनबाद के लोगों की बढ़ी आस
कागजात

धनबाद: पश्चिम बंगाल की कंपनी रोज वैली के बहुचर्चित रोज वैली चिटफंड घोटाले में सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने कार्रवाई करते हुए तीन कंपनियों की संपत्ति को जब्त किया है. इसमें आईपीएल से जुड़ी एक टीम भी है. ईडी ने 70 करोड़ से अधिक की संपत्ति को अटैच किया है और करोड़ों रुपए के कई बैंक अकाउंट को भी सील किया है.

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बंगाल की कंपनी

बता दें, कि रोज वैली चिटफंड कंपनी का धनबाद में भी कई जगह औफिस खोला गया था और इस ऑफिस में धनबाद जिले से भी करोड़ों की उगाही हुई थी. कंपनी का घोटाला सामने आने के बाद सभी लोग अपने आपको आज भी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. गांव के भोली-भाली गरीब लोगों का कहना है कि अब डबल पैसा और उसका ब्याज भी नहीं चाहिए हमने जो जमा किया था वही अगर सरकार लौटा दे तो बहुत है. गौरतलब है कि रोज वैली बंगाल की एक कंपनी थी और बंगाल से सटा हुआ इलाका धनबाद है जिसकी वजह से चिरकुंडा, कुमारडुबी, निरसा, गोविंदपुर, झरिया आदि अनेकों जगहों पर इस कंपनी के दफ्तर खोले गए थे और स्थानीय लोगों को एजेंट बनाकर यहां के लोगों से जमकर पैसों की उगाही की गई थी.

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भरोसा बढ़ा कर दिया धोखा

कंपनी के एक एजेंट ने बताया कि वह 2006-2007 में ही इस कंपनी से जुड़ा था और पहले लगभग 5 सालों में पैसा डबल कर लोगों को दे दिया गया. जिसके बाद धीरे-धीरे लोगों का भरोसा बढ़ता गया और उन्होंने काफी मात्रा में कंपनी में पैसा जमा करवाया. जिसके बाद कंपनी भाग गई और अंत में उसे भी भागना पड़ा, क्योंकि लोग उसके घर पर आकर मारने के लिए उतारू हो गए थे. एजेंट ने बताया कि वह काफी दिनों तक अपने घर परिवार को छोड़कर दूसरे जगह पर जाकर काम करते रहे और वहां पर काम कर कुछ पैसे जमा कर वापस घर लौटा.
उन्होंने कहा की इस तरह की कंपनी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि भोली-भाली गरीब जनता को बहला-फुसलाकर यह लोग करोड़ों की ठगी करते हैं और भोली-भाली जनता इसके जाल में फंस जाती है और मरने को विवश हो जाते हैं. उस अर्जेंट में बतलाया कि एक बार उसने आत्महत्या करने के लिए सोच डाले लेकिन फिर अपने बाल बच्चे को देखकर उसने यह कदम नहीं उठाया.

लोगों ने सजा की मांग की

वहीं, पैसा जमा किए कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने काफी गरीबी में मजदूरी करते हुए भी अपना 1-1 बचाकर जो पैसा जमा किया हुआ था लालच में आकर उस पैसे को कंपनी में जमा करवा दिया और कंपनी भाग गई. कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि अपनी बेटी की शादी के लिए भी कंपनी में पैसा जमा किया था लेकिन, कंपनी के भाग जाने के बाद भीख मांग कर अपनी बेटियों की शादी करनी पड़ गई. लोगों ने कहा कि सरकार को इस तरह की कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उसे उम्रकैद और फांसी की सजा होनी चाहिए ताकि इस तरह भोली-भाली जनता को कोई लोग बहला-फुसलाकर उनके पैसे को ना हड़प सके. इस तरह करने से आगे से कोई भी गरीबों का पैसा हड़पने के बारे में नहीं सोच पाएगा.

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