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सिंफर पहुंची राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, कहा- पर्यावरण सुरक्षा और विस्थापन पर माइनिंग कंपनियां रखें ख्याल

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Published : Feb 14, 2020, 5:02 PM IST

धनबाद के सिंफर में खनन क्षेत्र में प्रगतियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुक्रवार से शुरू हुआ. इस मौके पर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया.

सिंफर पहुंची राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, कहा- पर्यावरण सुरक्षा और विस्थापन पर माइनिंग कंपनियां रखें ख्याल
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धनबादः केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान (सिंफर) में खनन क्षेत्र में प्रगतियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुक्रवार से शुरू हुआ. झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इस सेमिनार का उद्घाटन किया. राज्यपाल के सिंफर परिसर पहुंचने पर महिला क्लब की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया. यहां उन्होंने गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया.

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सिंफर के कार्य पर गर्व

नवनिर्वाचित एडवांस रॉक मशीन लेबोरेट्री का उद्घाटन के बाद राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ऑडिटोरियम पहुंची. राज्यपाल ने यहां द्वीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया. मंच से अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पिछले 74 सालों से खनन के क्षेत्र में सिंफर नित्य नई तकनीकों का ईजाद करते आ रहा है. सिंफर के इस कार्य के लिए लोगों को काफी गर्व है, झारखंड रत्नगर्भा है. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में 29 फीसदी जंगल क्षेत्र है जबकि देश की 40 फीसदी खनिज है. ज्यादातर लोग यहां माइनिंग सेक्टर पर आधारित हैं.

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उन्होंने कहा कि माइनिंग के क्षेत्र में एडवांस टेक्नोलॉजी को लेकर यह सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. माइनिंग के क्षेत्र में आदिवासियों के विस्थापन की भी समस्याएं खड़ी हो रही है. उनके पुनर्वास की भी व्यवस्था हो इसके लिए खनन के साथ-साथ माइनिंग कंपनियों को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 4 वर्षों के कार्यकाल के दौरान विस्थापितों की ओर से कई तरह की समस्याएं उनके समक्ष रखी गई. सही मायनों में विस्थापितों को पुनर्वास का लाभ नहीं मिल सका है. सम्मेलन के दौरान इस अहम मुद्दे पर भी विचार-विमर्श होना जरूरी है. माइनिंग को लेकर पर्यावरण की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

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सेमिनार तकनीक पर विशेष प्रकार डालेगा

समारोह में शामिल हुए विशिष्ट अतिथि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के निदेशक एलएस शेखावत ने मंच से संबोधन के दौरान कहा कि पूरे विश्व का इकोनॉमी स्लोडाउन में जा रहा है. खनन क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. बावजूद इसके यह लक्ष्य होना चाहिए कि माइनिंग करके इस स्लोडाउन इक्नॉमी में सुधार लाया जा सके. आने वाला भविष्य अंडरग्राउंड माइन्स का ही है. खनन क्षेत्र में नई तकनीक इजाद करना सिंफर का यह कदम प्रशंसनीय है. आज का यह सेमिनार तकनीक पर विशेष प्रकार डालेगा. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड जिंक और लेड के अलावे चांदी का भी उत्पादन करती है. जिंक लिमिटेड चांदी का उत्पादन कर रही है आने वाले समय में उत्पादन करने का लक्ष्य है.

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