धनबादः ऊर्जा के बेतहाशा इस्तेमाल से पृथ्वी पर इसका गहरा असर पड़ रहा है. हमारी आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, जानकारी के अभाव में लोग धरती को खतरे में डाल दे रहे हैं. इसी के मद्देनजर ऊर्जा संरक्षण और इसके इस्तेमाल को लेकर एक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन आईआईटी आइएसएम में किया गया. जिसमें आईआईटी आईएसएम के छात्र समेत कई डेलिगेट्स शामिल हुए.
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आईएसएम के करियर डेवलपमेंट सेंटर की ओर से जमशेदपुर की एनर्जी फाउंडेशन की मदद से न्यू एकेडमिक कॉम्प्लेक्स में ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इसमें आईएसएम के छात्र बड़ी संख्या में शामिल हुए. आईएसएम के निदेशक प्रो. पी. राजीव शेखर करियर डेवलपमेंट सेंटर के चेयरपर्सन दिव्यानी मित्रा के अलावा संस्थान के विभागों के एचओडी व प्रोफेसर शामिल हुए. इस प्रोग्राम को लेकर छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिला.
इसके आयोजन के लिए आईएसएम के निदेशक ने करियर डेवलपमेंट सेंटर के चेयरपर्सन दिव्यानी मित्रा और एनर्जी फाउंडेशन की सराहना की. मीडिया को जानकारी देते हुए फाउंडेशन के सदस्य संजय कुमार ने बताया कि छात्र अपने करियर के लिए हर दिन कुछ सीखते हैं लेकिन आज का यह कार्यक्रम पीढ़ी दर पीढ़ी जीवन को बचाने के लिए है. हमारी पूरी पृथ्वी को बचाने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम बेहद जरूरी है. हम सभी ऊर्जा का इस्तेमाल निजी जिंदगी में करते हैं लेकिन ऊर्जा का बेतहाशा इस्तेमाल पृथ्वी को खतरे में डाल रहा है. संस्था के द्वारा छात्रों को जानकारी दी जा रही है कि हम जो ऊर्जा इस्तेमाल करते हैं, उसका 85 फीसदी कार्बन बेस फ्यूल है. गैस, डीजल, पेट्रोल और कोयला और इससे उत्पादन होने वाली बिजली, इनके इस्तेमाल से कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में जाते हैं, इस संबंध में हम सभी अनभिज्ञ हैं.
उन्होंने बताया कि यह कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में 200 से 400 साल तक मौजूद रहता है. इसकी वजह से ग्रीन हाउस प्रभावित हो रहा है, इसकी वजह से धरती तक पहुंचने वाली सूर्य की रोशनी ट्रैप हो रही है और पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है. आज हम पृथ्वी के तापमान को 1.1 डिग्री बढ़ा चुके हैं, जिस तरह से हम बेतहाशा ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह आने वाले पांच से छह सालों में 1.5 डिग्री को भी पार कर जाएगा.
लोगों को जागरूक होने की जरूरतः इसके बाद जलवायु में हुए परिवर्तन को फिर से पीछे नही ला सकेंगे. इससे भविष्य में बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है, इस नुकसान की शुरुआत हो चुकी है, ग्लेशियर पिघल कर रहे हैं, समुद्र का लेयर बढ़ने लगा है, बाढ़ का प्रकोप बढ़ गया है. जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई है, इस तरह की कई तरह की प्राकृतिक आपदा आना शुरू हो चुका है अगर हम इस पर अभी से काबू नही पाए तो आने वाले दिनों में यह बहुत बड़ी त्रासदी का कारण बनेगा. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. ऊर्जा का संरक्षण बेहद जरूरी है, हम अपनी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए ऊर्जा के इस्तेमाल पर सजग होना बेहद जरूरी है.