धनबाद: सड़क दुर्घटना में घायल को सबसे पहले अस्पताल भेजना किसी का भी कर्त्तव्य होना चाहिए, लेकिन जिले में हुए एक हादसे के बाद पुलिस की कार्यशली देखकर हर कोई हतप्रभ है. क्योंकि पुलिस हादसे के बाद मौके पर पहुंची तो जरूर लेकिन उन्होंने घायल को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाने की जगह घायल के परिजन को फोन कर उन्हें बुलाया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया.
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धनबाद में राजगंज थाना इलाके में चार्ली बंगला के पास एनएच टू पर एक व्यक्ति हादसे का शिकार हो गया. जिसके बाद घायल व्यक्ति को सड़क पर तड़पता देख लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल व्यक्ति को देखा और फिर उसे वहीं तड़पता छोड़ उसके परिजनो को फोन कर उसकी जानकारी दी. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस को भी फोन नहीं किया. काफी देर तक घायल व्यकि सड़क पर तड़पता रहा और पुलिस मूकदर्शक बनी रही.
अंततः घायल की पत्नी एम्बुलेंस के साथ घटनास्थल पहुंची, जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से घायल व्यक्ति को एम्बुलेंस में लिटाया गया और निजी अस्पताल भेजा गया. इस मामले को लेकर राजगंज थाना की पुलिस का कहना है कि उन्होंने एम्बुलेंस वाले को फोन किया था, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया, जिस कारण एम्बुलेंस आने में देर हुई.
इस मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस चाहती तो किसी भी वाहन से घायल व्यक्ति को अस्पताल भिजवा सकती थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा करना मुनासिब नहीं समझा. उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्यशैली से किसी की जान भी जा सकती है.