अनिल कुमार सिंह, वरीय लोक अभियोजक धनबाद: छोटे भाई के हत्यारे बड़े भाई को धनबाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश दशम नीरज कुमार विश्वकर्मा की अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान ही बड़े भाई को छोटे भाई की हत्या का दोषी करार दिया था. जिसके बाद 28 मार्च को अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.
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11 लोगों की कराई गई गवाही: वरीय लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने अदालत के फैसले के बारे में बताया कि मृतक की पत्नी और सास समेत कुल 11 गवाहों की गवाही अदालत में कराई गई. दरअसल, 6 अप्रैल 2018 को बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के रहनेवाले मृतक प्रेम कुमार महतो की पत्नी लक्ष्मी देवी ने बरवाअड्डा थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने लक्ष्मी देवी के फर्द बयान पर संतोश महतो, मोतीराम महतो, रीना देवी और अग्नि देवी को आरोपी बनाया था.
जेल से छूटने के बाद की सगे भाई की हत्या: लक्ष्मी देवी ने आरोप लगाया था कि सभी आरोपियों के साथ घर बंटवारे को लेकर उनका विवाद चल रहा था. संतोष महतो जेल में बंद था. जेल से छूटकर आने के बाद उसने घर में ही उसके पति प्रेम कुमार पर तलवार से कई बार हमला कर दिया. जिसके बाद उसके पति प्रेम कुमार को इलाज के लिए बोकारो अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.
इससे पहले की थी चचेरे भाई की हत्या: वरीय अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पहले भी आरोपी संतोष महतो ने अपने चचेरे भाई निवारण महतो की हत्या की थी. महुदा थाना क्षेत्र के तेलमच्चो में रहने वाले चचेरे भाई निवारण महतो की भी हत्या तलवार से हमला करके की थी. इस मामले में आरोपी संतोष महतो को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. मामले में सात साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत मिली थी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आया था. हालांकि, इसके बाद भी चचेरे भाई की हत्या की सुनवाई अदालत में ही चल रही थी. जमानत पर रहते हुए उसने अपने ही सगे भाई प्रेम कुमार महतो को मौत के घाट उतार दिया. पूर्व के इस हत्या में मामले पर अदालत का ध्यान आकृष्ट कराया गया, जिसके बाद अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई है.