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Dhanbad Controversy: थूक चटाने के मामले में आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज, सुलह के बाद भी नहीं मिली जमानत - dhanbad politics

Dhanbad Controversy में भाजपाइयों की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं. पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर किए जा रहे धरने के दौरान हुए विवाद में गिरफ्तार आरोपियों को जमानत नहीं मिल सकी. दूसरे धर्म के युवक की पिटाई और थूक चटवाने के मामले में सुलह के बाद भी अदालत ने आरोपियों को जमानत नहीं दी.

Dhanbad Controversy Court rejects bail application in spitting case of accused
थूक चटाने के मामले में आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज, सुलहनामा के बाद भी नहीं मिली जमानत

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Published : Jan 19, 2022, 8:14 AM IST

धनबाद: पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर भाजपाइयों द्वारा प्रदर्शन के दौरान कुछ टिप्पणी को लेकर युवक को थूक चटाने और मारपीट मामले के दो आरोपियों की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है. हालांकि दोनों पक्षों ने अदालत के बाहर समझौता कर लिया था. इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन के ट्वीट के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में 2 भाजपा कार्यकर्ताओं को आठ जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था.

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गौरतलब है कि कोयलांचल धनबाद में बीते 8 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब में सुरक्षा चूक मामले में लेकर भाजपा कार्यकर्ता धरने पर बैठे थे. इसी के दौरान एक युवक की विवादास्पद टिप्पणियों पर कुछ कार्यकर्ता नाराज हो गए और आरोपी से मारपीट कर दी. आरोप है कि युवक को थूक भी चटाया गया. बाद में यह मामला गर्म हो गया. जिसके बाद सीएम ने इस खबर पर संज्ञान लिया था.

धनबाद पुलिस को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया था. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 2 भाजपाइयों को गिरफ्तार किया था. उस मामले में दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी मंगलवार को अदालत ने खारिज कर दिया. इस मामले में 9 जनवरी से जेल में बंद जितेंद्र साव व संजय शर्मा को सुलह के बाद भी अदालत से राहत नहीं मिली. मंगलवार को दोनों की जमानत अर्जी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह की अदालत ने खारिज कर दी है.


आरोप दुर्भावना प्रेरित!बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शाहनवाज व नरेंद्र त्रिवेदी ने दलील दी कि राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर यह पूरी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी ने धरना दे रहे भाजपाइयों को गाली दी थी, जिसके कारण उसके साथ केवल धक्का-मुक्की की गई थी. मामले में दोनों पक्षों ने सुलह कर लिया है और सुलहनामा दाखिल भी कर दिया गया है. वहीं अदालत के समक्ष सूचक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पेश भी किया गया, जहां सूचक ने अदालत को सुलह हो जाने की बात भी बताई.

इसके बावजूद भी अदालत ने दोनों को राहत देने से इंकार कर दिया. जमानत अर्जी का विरोध अपर लोक अभियोजक जब्बार हुसैन ने किया और उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा सांप्रदायिक सौहाद्र को बिगाड़ने की कोशिश की गई है पीड़ित. पर जानलेवा हमला किया गया है.

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