मां कल्याणेश्वरी मंदिर में आए भक्त धनबाद :मैथन स्थित झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर, बराकर नदी की गोद में मां कल्याणेश्वरी का मंदिर है. जो लगभग 500 साल से भी ज्यादा पुराना है और भक्तों की मुराद पूरी करने के लिए विख्यात है. इसलिए हर रोज यहां सैकड़ों की संख्या में भक्त मां के चरणों में माथा (Devotees crowd at Maa Kalyaneshwari temple) टेकने आते हैं और मां भी उन्हें सर्वमंगल होने का आशीर्वाद देती हैं.
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नए साल को लेकर मंदिर कमेटी द्वारा सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. साल के पहले दिन 1 जनवरी को यहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. नए साल के पहले दिन मंदिर में बड़ी संख्या में झारखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु पहुंचे. मां के आशीर्वाद से नए साल का आगाज किया.
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर की मान्यता है कि यह मंदिर पंचकोट के राजा महाराज हरि गुप्त द्वारा तीसरी शताब्दी में बनाया गया था. जो कि 500 साल से भी पुराना है. मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए मन्नत मांगती हैं. उनकी मुराद अवश्य पूरी होती है, एक और मान्यता के मुताबिक यहां पहले मानव की बलि दी जाती थी. लेकिन बाद में इसे बकरे की बली में तब्दील किया गया. मंदिर में पूजा के बाद प्रांगण में लगे एक नीम पेड़ पर मुराद पूरी होने के लिए पत्थर बांधने की परंपरा है और मान्यता है कि मुराद पूरी होने के बाद बंधा हुआ पत्थर खुद ही गिर जाता है. जिसको लेकर अधिकतर लोग पूजा के बाद प्रांगण में स्थित नीम के पेड़ में पत्थरों बांधते हैं. जो आज भी जारी है.
मंदिर के पुजारी ने बताया कि नए साल के लिए मंदिर पूरी तरह तैयार है. भक्तों के लिए मां के दरवाजे खुले हैं. उन्होंने कहा कि कल्याणेश्वरी में पश्चिम बंगाल और झारखंड के विभिन्न स्थानों से सैकड़ों लोग प्रतिदिन आशीर्वाद लेने आते हैं. साथ ही मैथन डैम की प्राकृतिक सुंदरता का भी लाभ उठाते हैं. मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिला और झारखंड के धनबाद जिला में कल्याणश्वरी मंदिर एक अपना महत्व रखता है. हर कोई यहां पूजा कर अपने शुभ कार्य की शुरुआत करने की इच्छा रखता है. जिसे लेकर बारहों माह मां कल्याणेश्वरी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है.