धनबादः रेलवे की संवेदनहीनता के कारण एक बेटी की डोली उठने से पहले उसकी अर्थी उठ गई. क्योंकि आश्रित पुत्री की इलाज के अभाव में मौत हो (Dependent girl died in Dhanbad) गयी. रुपए के अभाव में 22 साल की बीमार पिंकी कुमारी ने 8 अक्टूबर को दम तोड़ दिया. इसको लेकर परिजनों ने धनबाद रेलवे प्रशासन (Dhanbad Railway Administration) पर समय पर मुआवजा ना देने का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार (girl died due to railways not compensate) ठहराया है.
ना मुआवजा मिला-ना इलाज! पैसे के अभाव में आश्रित पुत्री की मौत, जानिए पूरा मामला
किसी सरकारी या बड़े संस्थान में काम के दौरान मारे गए लोगों के आश्रितों को मुआवजे का प्रावधान है. लेकिन अगर ये वक्त पर ना मिले तो उनके परिवार का क्या हश्र हो सकता है. इसकी बानगी धनबाद में देखने को मिली. जहां धनबाद रेलवे प्रशासन की ओर से समय पर मुआवजा ना मिलने की वजह से आश्रित पुत्री की इलाज के अभाव में मौत (girl died due to railways not compensate) हो गयी.
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जानिए, क्या है मामलाः मृतका पिंकी कुमारी निरंजन महतो की बेटी थी. 45 वर्षीय निरंजन महतो की मौत 12 जुलाई की रात हुई थी. प्रधानखंता और रखितपुर स्टेशन के बीच छाताकुल्ली में अंडरपास निर्माण के दौरान हुए हादसे में रेलवे ट्रैक के नीचे मलबे में दबने से मौत हुई थी. निरंजन महतो के अलावा इस हादसे में तीन अन्य 40 वर्षीय पप्पू कुमार महतो, 30 वर्षीय विक्रम कुमार महतो और 25 वर्षीय सौरभ कुमार धीवर ने भी अपनी जान जान गंवा दी थी. इस हादसे के बाद रेलवे और ग्रामीणों के बीच समझौता वार्ता हुई थी. इसके तहत आश्रितों के 20-20 लाख रुपया मुआवजा और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियोजन देने पर लिखित रूप से सहमति बनी. लेकिन चार महीने गुजर गए, रेलवे की ओर से अबतक आश्रितों को ना तो मुआवजा का भुगतान किया गया और ना नियोजन दी गई. इसी क्रम में मृतक निरंजन महतो की पुत्री की पैसे और इलाज के अभाव 8 अक्टूबर को मौत हो गयी. इसको लेकर आश्रितों ने रेलवे पर सीधा आरोप लगाया है. क्योंकि इतने महीनों तक आश्रित डीआरएम कार्यालय का चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिल सका. इस घटना को लेकर रेलवे के अधिकारियों के प्रति लोगों में आक्रोश है.