धनबादः गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के लिए जेल में दोनों पिस्टल बाहर से आने वाले राशन के बीच लाई गयी थी. गोदाम में राशन के बीच पड़े एक थैले में दोनों पिस्टल मिला था. सतीश साव, विकास बजरंगी को गोदाम के अंदर राशन के बीच की पड़ी एक थैली से लिया था. इस थैली में हथियार होने की जानकारी मोबाइल पर आशीष रंजन ने सतीश और विकास बजरंगी को दी थी. सतीश साव ने पुलिस के समक्ष यह खुलासे किए हैं. तीन दिनों की पुलिसिया पूछताछ के दौरान उसने यह खुलासा किया है. पुलिस ने उसके स्वीकोरोक्ति बयान को अदालत को सौंप दिया है.
रविवार 3 दिसंबर को क्या हुआ थाः 3 दिसंबर को समय करीब 12 बजे सतीश साव ने विकास बजरंगी के वार्ड के अंदर इशारा किया. जिसके बाद विकास बजरंगी अपने पास छिपाकर रखे गये हथियार को ले जाकर सुंदर महतो को दे दिया. सुंदर महतो हथियार लेकर किचन के रास्ते अस्पताल वार्ड की ओर चला गया. थोड़ी ही देर में गोली चलने की कई आवाज सुनकर सभी कैदी इधर-उधर भागने लगे. सतीश साव ने बताया कि गोली की आवाज सुनकर वो भी अपने वार्ड में घुस गया. जेल में जोर-जोर से सायरन और व्हिसिल बजने लगा.
सतीश साव ने घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि गोली चलने के थोड़ी देर बाद विकास बजरंगी से मिलने वो उसके वार्ड में गया तो विकास बजरंगी काफी घबराया हुआ था. उसने बताया कि अमन सिंह को गोली मारने वाला लड़का उसके वार्ड के बाथरूम में आकर घुस गया है, जहां उसके पास से मैंने दोनों हथियार छीन लिया, मैंने उसे सलाह दी कि जल्दी से जाकर इसे जेल के बाहर फेंक दो. लेकिन वह काफी घबराया हुआ था उसने कहा कि मैं नहीं फेकूंगा.
सतीश साव ने बताया कि इसके बाद मैने और विकास बजरंगी दौड़कर वार्ड के पीछे की तरफ गए और दोनों हथियार को बाउंड्री वॉल के बाहर फेंक दिया. इसके बाद दौड़कर दोनों अपने अपने बैरक की तरफ जाने लगे. इसी बीच रास्ते में ही अमन सिंह के कुछ लड़के लाठी डंडों से लैस होकर मेरी ओर दौड़े, जिससे घबराकर में वार्ड 5 के बाथरूम में घुस गये और वहीं पर अपने फोन को तोड़कर टॉयलेट सीट के अंदर डाल दी. बाथरूम के अंदर ही अमन सिंह के कुछ लड़के घुसकर सतीश के साथ मारपीट करने लगे. जिससे वो गंभीर रुप से चोटिल हो गया. इसके बाद जेलर ने आकर सतीश साव को वहां से निकाला और 3 नंबर वार्ड में बंद कर दिया. करीब आधा घंटा बाद काफी संख्या में पुलिस बल आये और मुझे पकड़ कर जेल गेट पर स्थित ऑफिस में ले आए. जहां वरीय पदाधिकारियों द्वारा मुझसे घटना के संबंध में पूछताछ की गई. पूछताछ के क्रम में ही मुझे बताया गया कि गोली लगने से अमन सिंह की मौत हो गई.
आरोपी सतीश साव ने पुलिस के समक्ष बताया कि साल 2012 में कोयला कारोबार को लेकर गोली चलाने के मामले में पहली बार जेल गया था. करीब चार महीना के बाद जेल से निकला और अपने घर कुस्तौर में रहने लगा. आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह के साथ मिलकर साल 2010 में जमीन कारोबारी समीर मंडल की गोली मार कर हत्या कर दी. जिसको कुछ महीने बाद आशीष रंजन उर्फ छोटू गिरफ्तार होकर के अंदर चला आया और सतीश साव जेल से फरार हो गया. फरारी के दौरान उसने कई अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. इस दौरान 19 अगस्त 2020 को उसने अपने अन्य साथियों के साथ यूसीसी कंपनी के लोकल मैनेजर सह भाजपा नेता सतीश सिंह की बैंकमोड़ में गोली मारकर हत्या कर दी.
सतीश सिंह की हत्या के बाद पुलिस उसे लगातार खोजने लगी. जिसके बाद 8 अगस्त 2021 को कोर्ट में सरेंडर कर वह जेल चला गया. इसके बाद से वह धनबाद जेल में बंद है. समीर हत्याकांड में जेल में रहने के दौरान आशीष रंजन की दोस्ती जेल में पूर्व उप मेयर नीरज सिंह की हत्या में बंद शूटर अमन सिंह से हो गई. जेल से छूटने के बाद आशीष रंजन, अमन सिंह के कहने पर उसका शूटर बन गया और रंगदारी वसूलने लगा.
सतीश साव के द्वारा सरेंडर कर जेल जाने के बाद आशीष ने अमन सिंह से सतीश साव की जान-पहचान करा दी. इस बीच अमन सिंह का कई बार अलग अलग जेल में ट्रांसफर भी हुआ. लेकिन अमन सिंह फेसबुक और व्हाट्स ऐप के जरिए अपने गैंग से जुड़ा रहता था. कुछ माह पूर्व ही वह पुनः धनबाद जेल वापस आ गया था. जेल में रहने के दौरान अमन सिंह कई लोगों की हत्या करवाकर धनबाद में अपना वर्चस्व बना लिया और जेल में भी भय का माहौल बना कर रखता था.
अमन सिंह अक्सर जेल के पदाधिकारियों, कर्मियों एवं अन्य बंदियों पर रौब झाड़ता व उलझ जाया करता था. वह महिला वार्ड में बंद अपनी सहयोगी प्रेमिका से अक्सर मिलने जाया करता था, जिसपर जेलर के द्वारा मना किया जाता था. इस बात से वह अक्सर जेलर से अमन सिंह उलझ जाता था और उनपर अन्य कैदियों की तुलना में अपने लोगों के साथ पक्षपात का आरोप लगाते रहता था. इसी दौरान दिवाली के समय अमन सिंह अपने लड़कों के लिए बाहर से मिठाई मंगवाया, जिसे जेलर ने जेल के अंदर लाने से रोक दी. इस बात को लेकर अमन सिंह काफी नाराज हो गया. जिसके बाद अमन सिंह ने सतीश साव और विकास बजरंगी से कहा कि चलो चलकर जेलर की पिटाई करते हैं परंतु वह उसके साथ नहीं गया. अमन सिंह अपने कुछ लड़कों के साथ जेल गेट की तरफ गया और काफी हल्ला-गुल्ला और गाली-गलौज किया. जेल का गेट नहीं खुलने व अन्य किसी कारण से वे लोग थोड़ी देर बाद वापस चले आए.