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कोरोना इफेक्टः बेलगड़िया टाउनशिप में भुखमरी के हालात, Etv भारत की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए - corona effect in india

राज्य में कोरोना संकट से लगातार हाहाकर मचा हुआ है. एक ओर सरकार इससे निपटने के सभी दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार के बेलगड़िया टाउनशिप में लोगों के सामने खाने के लाले पड़े हुए हैं.

बेलगड़िया टाउनशिप में भुखमरी के हालात
बेलगड़िया टाउनशिप में भुखमरी के हालात

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Published : Apr 2, 2020, 12:29 PM IST

Updated : Apr 2, 2020, 7:54 PM IST

धनबाद: पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी कोरोना का कोहराम मचा हुआ है. झारखंड भी अब अछूता नहीं रहा है. रांची में एक मरीज मिलने की पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में अब लोगों के मन में डर समा गया है. वहीं जरेडा के तहत बसाया गया शहर बेलगड़िया के लोगों के पास खाने-पीने की भी समस्या उत्पन्न हो गई है.

बेलगड़िया टाउनशिप में भुखमरी के हालात

आपको बता दें कि झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार के तहत अग्नि प्रभावित झरिया क्षेत्र के लोगों को बेलगड़िया टाउनशिप में बसाया गया था. अर्थात एक नया झरिया का निर्माण बेलगड़िया के रूप में हुआ था.

लोग शुरू से ही यहां आने के बाद से ही रोजगार के साधन को लेकर इस टाउनशिप पर उंगली उठाते रहे हैं. इस लॉकडाउन की स्थिति में जब ईटीवी भारत की टीम ने बेलगाड़िया टाउनशिप जाकर वहां के लोगों का हाल जाना तो वहां पर समस्याओं का अंबार मिला.

लोगों के पास खाने-पीने की भी समस्या उत्पन्न हो गई है, लोगों का कहना है कि लगभग 10 साल से यहां पर रहने के बावजूद आज तक राशन कार्ड नहीं बन पाया है. बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनका राशन कार्ड नहीं बना है. हालांकि कुछ राशन कार्डधारी भी मौजूद हैं, लेकिन उन्हें सरकार द्वारा घोषणा का चावल अब तक नहीं मिल पाया है.

अधिकांश लोगों ने यह कहा कि यहां रहने के बावजूद भी रोजगार के लिए उन्हें झरिया ही जाना पड़ता था, लेकिन इस लॉकडाउन की स्थिति में अब झरिया जाना संभव नहीं हो पा रहा है.

ऐसे में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. गौरतलब है कि बेलगड़िया सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है, लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिनका आज भी झरिया विधानसभा के वोटर लिस्ट में नाम है.

लोग आज भी यहां रहने के बाद भी विधानसभा चुनाव का वोट करने के लिए झारिया जाते हैं. ऐसे में अब झरिया विधायक और सिंदरी विधायक दोनों के ही लोग बेलगड़िया में रहते हैं.

ऊंट के मुंह में जीरा के समान मिल रही मदद

नेताओं में भी इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. हालांकि कुछ समाजसेवी संगठन के लोग और नेता यहां पर पहुंचकर इन्हें मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित हो रही है.

इस लॉकडाउन की स्थिति में अगर हम बात करें तो सिर्फ बेलगड़िया की ही कहानी यह नहीं है ,बल्कि बहुत सारे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. इस भीषण दुख की घड़ी में समाजसेवी संगठन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से ईटीवी भारत ऐसे लोगों तक मदद पहुंचाने की अपील करता है.

Last Updated : Apr 2, 2020, 7:54 PM IST

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