धनबाद: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का झारखंड के धनबाद जिले में तीन दिनों में कार्यक्रम होना है. जिसे लेकर अब तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है. बाघमारा बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो ने इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी. लेकिन उनका कहना है कि 15 दिनों बाद भी राज्य सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा इस संबंध में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.
धनबाद में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर असमंजस, प्रशासन ने अनुमति को लेकर अब तक नहीं दी जानकारी!
Dhirendra Shastri program in Dhanbad दिसंबर महीन में धनबाद के बाघमारा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम होना है. हालांकि अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से कार्यक्रम की अनुमति को लेकर मामला साफ नहीं किया गया है. इस बात पर बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो ने नाराजगी जताई है.
Published : Nov 17, 2023, 8:24 AM IST
|Updated : Nov 17, 2023, 12:04 PM IST
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बाघमारा से बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि बाघमारा चिटाही धाम में धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम निर्धारित है. तीन, चार और पांच दिसंबर को धीरेंद्र शास्त्री यहां पहुंचने वाले हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन ने अनुमति को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है. उनका कहना है कि 15 दिन पहले ही राज्य सरकार और प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति मांगी गई थी. लेकिन अब तक इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है.
बीजेपी विधायक ने कहा कि यह किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष का कार्यक्रम नहीं है. यह एक आध्यात्मिक कार्यक्रम है, राज्य सरकार और जिला प्रशासन से कार्यक्रम के आयोजन के लिए सहयोग विधायक ने मांगा है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन उन्हे कार्यक्रम से संबंधित जानकारी देने में आनाकानी कर रही है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है. 50 लाख स्क्वायर फीट के मैदान में कार्यक्रम का आयोजन होना. जिसमे दस लाख लोगों की बैठने व्यवस्था की जा रही है.
कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए पांच अलग अलग रास्ते होंगे. हीरक रोड से बेहरकूदर चौक से चिटाही धाम लोग पहुंच सकते हैं. मुराईडीह बस्ती होते हुए चिटाही धाम पहुंच सकते हैं. डुमरा से चिटाही धाम, सिनीडीह से चिटाही धाम, सोनारडीह से चिटाही धाम और भटमुड़ना से चिटाही धाम जाने के लिए रास्ता है. ढुल्लू महतो ने कहा कि कार्यक्रम के लिए यह जगह पूरी तरह से उपयुक्त है. लेकिन धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम की अनुमति मांगने पर जिला प्रशासन के द्वारा इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है.