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धनबाद: FDI के विरोध में कोलकर्मियों का हड़ताल, कोलियरी पूरी तरह से ठप - एकदिवसीय हड़ताल

एफडीआई के विरोध में मंगलवार को धनबाद की दर्जनों कोलियरियां बंद रही. कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई के विरोध में बीसीसीएल के सभी श्रमिक संगठन 24 सितंबर को एकदिवसीय हड़ताल पर हैं.

नारेबाजी करते कोलकर्मी

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Published : Sep 24, 2019, 4:32 PM IST

धनबाद: कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई के विरोध में मंगलवार को कोयलांचल की दर्जनों कोलियरियां बंद रही. एफडीआई के विरोध में बीसीसीएल के सभी श्रमिक संगठन मंगलवार को एकदिवसीय हड़ताल पर रहे. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की.

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केंद्र सरकार की कोल इंडिया में 100 फीसदी विदेशी पूंजी निवेश के लागू किए जाने के बाद देशभर के कोलकर्मी इसका विरोध कर रहे हैं. इसी नीति के विरोध में संयुक्त मोर्चा की ओर से मंगलवार को हड़ताल की घोषणा की गई थी. जिसके तहत सभी मजदूर संगठन और ट्रेड यूनियन चरणबद्ध होकर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बीसीसीएल के सभी एरिया में एक दिवसीय बंदी लगभग सफल रही. राज्य के सभी कोलियरी में कामकाज ठप रहा. इस दौरान धनबाद के सभी ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि बीसीसीएल ब्लॉक-2 के 14 नंबर हाजरी घर पहुंचे और प्रदर्शन किया.

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100 फीसदी एफडीआई का विरोध

ट्रेड यूनियन और मजदूर संगठन की ओर से लगातार 100 फीसदी एफडीआई का विरोध किया जा रहा है, साथ ही केंद्र सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग होती रही है. मंगलवार की हड़ताल के दौरान मुराइडीह कोलियरी, शताब्दी कोलियरी, डेको आउटसोर्सिंग, ब्लॉक-2 के नदखुरकी कोलियरी, जमुनिया कोलियरी, बेनीडीह कोलियरी के अलावा संयुक्त मोर्चा के सभी ट्रेड यूनियन ने प्रतिनिधि एफडीआई के विरोध में प्रदर्शन किया. बंदी को सफल बनाने के लिए सभी वाहन सुबह से ही खड़े रहे. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर स्थानीय पुलिस और सीआईएसएफ के जवान तैनात किए गए थे.

संयुक्त मोर्चा के तुलसी साव और उत्तम पांडेय ने कहा कि एफडीआई को लागू करना मजदूरों को शोषण करने जैसा है. उन्होंने कहा कि 1971 में जब कोलियरी निजी लोगों के हाथों में थी, उस समय भी इसी तरह से मजदूरों का शोषण किया जाता था और आज भी कुछ इसी तरह का महौल है. उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति का विरोध संयुक्त मोर्चा हमेशा करता रहेगा.

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