धनबाद: आईटीआई का अपरेंटिस कर चुके अभ्यर्थी कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मिलने के लिए उनके पीछे ऐसे पड़े कि आखिर में मंत्री को मिलना ही पड़ा. कोयला मंत्री जिस जगह जा रहे थे, अभ्यर्थी वहीं पहुंच जा रहे थे.
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दरअसल, कोल इंडिया की इकाई बीसीसीएल, सीसीएल और ईसीएल में आईटीआई का अपरेंटिस कर चुके अभ्यर्थियों को रोजगार नहीं मिल रहा है. रोजगार की मांग को लेकर सैकड़ों आईटीआई अभ्यर्थी कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात करने कोयला नगर स्थित बीसीसीएल मुख्यालय पहुंचे. लेकिन यहां अधिकारियों ने उन अभ्यर्थियों को कोयला मंत्री से नहीं मिलने दिया. जिसके बाद अभ्यर्थी बीसीसीएल के कोयला भवन के बाहर से ही वापस लौट गए.
नारेबाजी करने लगे अभ्यर्थी:यहां से निकलने के बाद अभ्यर्थी कोयला नगर के मुख्य गेट पहुंच गए और सड़क किनारे दोनों ओर से कतारबद्ध होकर बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. सूचना मिलने के बाद सरायढेला थाना की पुलिस और धनबाद अंचल के सीओ सह नियुक्त मजिस्ट्रेट प्रशांत लायक मौके पर पहुंचे. थाना प्रभारी विनय कुमार और सीओ प्रशांत लायक अभ्यर्थियों को समझाने बुझाने का प्रयास करते रहे. लेकिन अभ्यर्थियों की भीड़ मौके से हटने का नाम नहीं ले रही थी. वह हर हाल में अपनी मांगों को ज्ञापन के माध्यम से कोयला मंत्री को सौंपना चाहते थे.
आखिर में मिले मंत्री:अभ्यर्थियों के अड़ियल रवैया के कारण अधिकारियों के द्वारा कोयला मंत्री को कोयला भवन से बलियापुर बायपास रोड से होते हुए गोविंदपुर-धनबाद रोड पर स्टेट होटल सोनोटेले ले जाया गया. अभ्यर्थी कोयला नगर गेट पर घंटों कोयला कोयला मंत्री का इंतजार करते रहे. बाद में सूचना मिली कि कोयला मंत्री को बलियापुर बाईपास से होटल सोनोटेल ले जाया गया है. जिसके बाद सैकड़ों अभ्यर्थियों का हुजूम होटल सोनोटोल के बाहर जमा हो गया. सभी अभ्यर्थी कोयला मंत्री के बाहर निकलने का इंतजार करते रहे. आखिर में कोयला मंत्री बाहर निकले. जिसके बाद अभ्यर्थियों ने अपना ज्ञापन कोयला मंत्री को सौंपा. कोयला मंत्री के द्वारा सकारात्मक आश्वासन भी अभ्यर्थियों को दिया गया है.
अश्वासन के बाद भी नहीं मिला रोजगार:अभ्यर्थियों ने कहा कि कोल इंडिया की इकाई बीसीसीएल, सीसीएल और ईसीएल में करीब 45 सौ आईटीआई अप्रेंटिस हैं. 2 सालों से अप्रेंटिस कर बैठे हुए हैं. बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग कंपनियों में अप्रेंटिस के पद खाली पड़े हैं. लेकिन उन पदों पर हमारी बहाली नहीं की जा रही है. बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन पर रोजगार की मांग को लेकर कई दिनों तक तक लगातार धरना दिया. आंदोलन को स्थगित कराने के लिए सीएमडी ने अभ्यर्थियों को बुलाकर वार्ता भी की. उन्होंने आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार देने का आश्वासन वार्ता के दौरान दिया था. लेकिन सीएमडी के आश्वासन के बाद भी आउटसोर्सिंग कंपनियों में नौकरी नहीं दी जा रही है.