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Clash in Dhanbad: नगर आयुक्त के सामने झमाडा आश्रितों से मारपीट! प्रशासन से सुरक्षा की गुहार - धनबाद में मारपीट

धनबाद में झमाडा आश्रित 351 दिनों से धरना दे रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर वे मंगलवार को नगर आयुक्त से मिलने निगम के कार्यालय के बाहर सुबह से डटे हुए थे. शाम को जैसे ही नगर आयुक्त कार्यालय से बाहर निकले, उन्हें घेरने की कोशिश की जाने लगी. इसी दौरान कुछ लोगों और आश्रितों के बीच धक्का मुक्की और मारपीट हो गई.

Clash in Dhanbad
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Published : Feb 7, 2023, 9:49 PM IST

संवावददाता नरेंद्र कुमार निषाद की रिपोर्ट

धनबाद:नियोजन की मांग को लेकर झमाडा के मृत कर्मचारी के आश्रित पिछले 351 दिनों से नगर निगम कार्यालय के समक्ष धरना दे रहे हैं. मंगलवार को वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ प्रदर्शन के बाद झमाडा एमडी सह नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार से मुलाकात करने के लिए सुबह दस बजे से ही नगर निगम कार्यालय के गेट पर डटे रहे. शाम 6 बजे जब नगर आयुक्त सुरक्षा के साथ कार्यलय से बाहर निकले. तभी उनसे मिलने की कोशिश में आश्रितों ने उन्हें घेर लिया. इस दौरान आश्रितों और कुछ लोगों के बीच झड़प हो गई.

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मौके पर पहुंची पुलिस:नगर आयुक्त जब कार्यालय से निकलकर गेट से बाहर जाने लगे, तभी आश्रितों ने उन्हें घेर लिया. कुछ देर वह आश्रितों के बीच घिरे हुए चलते रहे. इस दौरान कुछ लोग और आश्रितों के बीच धक्का मुक्की हुई है. यह धक्का मुक्की मारपीट में बदल गई. पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद थी, जिन्होंने मामले को शांत कराया. जिसके बाद नगर आयुक्त को उनके वाहन में बैठाकर उन्हें भेज दिया गया.

मारपीट का वीडियो

क्या कहते हैं आश्रित: मृतक के आश्रित अरविंद कुमार के अनुसार कि सभी आश्रित नगर आयुक्त से मिलने के लिए निगम कार्यालय के गेट पर डटे हुए थे. इस दौरान कुछ ठेकेदार भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे. शाम तक नगर आयुक्त के बाहर निकलने का इंजतार करते रहे. करीब 6 बजे नगर आयुक्त बाहर निकले तो उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन जब तक वे मिल पाते कुछ अन्य लोगों ने नगर आयुक्त को घेर लिया और वह चलते रहे. इतने में वे लोग सभी आश्रित साथियों के साथ धक्का मुक्की करने लगे. पूरी तरह से भगदड़ की स्थिति बन गई. पुलिस के मौके पर पहुंचनने के बाद स्थिति नियंत्रित हुई, जिसके बाद नगर आयुक्त वाहन में बैठकर निकल गए.

कुछ लोगों ने दी धमकी:आश्रितों का कहना है कि यह हमारे आंदोलन को कुचलने की एक साजिश रची जा रही है. निगम के ठेकेदार, कर्मी और भाड़े के टट्टू के द्वारा जान बूझकर ऐसा किया गया है. उनके द्वारा हमारे आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि घटना के बाद कुछ लोग उनके धरनास्थल पर पहुंच गए और उन्हें धरना हटाने की धमकी दी. उन लोगों ने कहा कि अपना धरना का पंडाल हटाओ, यह नगर निगम की जमीन है.

डरे हैं आश्रित, प्रशासन से सुरक्षा की गुहार:आश्रितों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है. आश्रितों का कहना है कि हम रात-दिन यहां धरना दे रहे हैं. हमारे साथ कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है. आश्रितों ने कहा कि यदि हमारे साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.

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