धनबादः देश के प्रमुख शोध संस्थानों में धनबाद के सिंफर का नाम शुमार है. सिंफर की एक महिला वैज्ञानिक की शोध ना सिर्फ कपड़ा उद्योग को एक नया अवसर मिल सकेगा बल्कि लोग आग से होने वाले छोटे बड़े हादसों से सुरक्षित रहेंगे.
सिंफर की सीनियर महिला वैज्ञानिक डॉ वी एंगूसेल्वी ने समुद्री तल में पाए जाने वाले शैवाल से कपड़े का निर्माण किया है. समुद्री शैवाल से बने कपड़े पूरी तरह से अग्निरोधी हैं. आग का प्रभाव इन कपड़ों के ऊपर बिल्कुल नहीं है. कॉटन, वूलेन या फिर किसी भी फैब्रिक्स का निर्माण इससे किया जा सकता है.
सिंफर की प्रिंसिपल सीनियर साइंटिस्ट डॉ वी एंगूसेल्वी ने ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार निषाद से खास बातचीत की. महिला वैज्ञानिक ने बताया कि पिछले दो साल से वो शैवाल पर रिसर्च कर रही हैं. रिसर्च के दौरान कई बातें सामने आई हैं, शैवाल की कोशिकाओं में अग्निरोधी गुण विद्यमान होते हैं. इन्ही कोशिकाओं से प्रोटोटाइप कपड़े बनाने की दिशा में पहल की जा रही है. जिस पर आग का कोई असर नहीं होता है. शैवाल से बने यह कपड़े अग्निरोधी होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल भी है. ऊन, कपास, रेशम और लेनिन जैसे धागों में शैवाल के धागों को मिलाकर कपड़े बनाए जाते हैं.