धनबादःसीएसआईआर-केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान धनबाद (सिम्फर) के प्लैटिनम जुबली समारोह का बुधवार को समापन हो गया. स्थापना दिवस के प्लैटिनम जुबली समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुधवार को राज्यपाल धनबाद (governer ramesh bais dhanbad visit)पहुंचे. यहां झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने CSIR-CIMFR सभागार में कहा कि पहले मंत्र का जमाना था, आज यंत्र का जमाना है. हमारे आविष्कारों को पेटेंट बहुत मुश्किल से मिल पाता है. राज्यपाल ने कहा कि सिम्फर में अच्छा शोध हो रहा है.
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राज्यपाल ने की सिम्फर की तारीफ
राज्यपाल ने कहा कि एक समय नालंदा विश्वविद्यालय में विश्व से लोग पढ़ने आते थे,आज हम अपने बेटे के विदेश में पढ़ने पर गर्व करते हैं. अपने देश के प्रति गर्व की भावना जागृत करने की आवश्यकता है. पानी से हाइड्रोजन बन जाए तो हम कई मामलों में आत्मनिर्भर बन सकते हैं. हमें देश प्रेम की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा. अंग्रेजी में बोलने वाला बुद्धिमान समझा जा रहा है, हिंदी बोलने वाला बेवकूफ और अब तो हिंग्लिश का प्रचलन हो गया है. हमें अपनी मातृभाषा के साथ काम करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.
देसी तकनीक से बढ़ना होगा आगेः डॉ. विजय कुमार सारस्वत
डीआरडीओ के सेवानिवृत्त निदेशक सह नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने अपने भाषण में कहा कि देसी तकनीक अपना कर हमें आगे बढ़ना होगा. अभी हमारे पास 180 साल तक के लिए कोयले का भंडार है. कोयले से उत्सर्जित कार्बन को कम कर कैसे इसका उपयोग करें इस पर विचार होना चाहिए. हाइड्रो कार्बन या फिर वैकल्पिक ऊर्जा इसके विकल्प हो सकते हैं. वहीं सिम्फर के निदेशक डॉ. पीके सिंह ने कहा कि देश की जरूरत के मुताबिक हम काम कर रहे हैं, चाहे सेना के लिए सड़क बनानी हो या अंडरग्राउंड खदान, हम जरूरतों को पूरा करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.