धनबाद: ईसीएल कर्मी चिरंजित घोष को गांजा तस्करी में जेल भेजने के मामले में जांच तेजी से हो रही है. सीआईडी की टीम ने निरसा के पूर्व थानेदार उमेश कुमार सिंह से पूछताछ की. उमेश कुमार को इस मामले में निलंबित किया जा चुका है.
सीआईडी की टीम ने निरसा के पूर्व थानेदार उमेश कुमार से गांजा तस्करी से जुड़े बिंदुओं पर घंटों पूछताछ की. पूछताछ के दौरान कई बातें खुलकर सामने आईं हैं, जिसके बाद रवि ठाकुर, नीरज तिवारी और सोनू सिंह नाम के व्यक्ति से भी सीआईडी की टीम पूछताछ करेगी. नीरज और रवि पर ही गांजा तस्करी प्लांट करने का संदेह है. इस मामले में निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा की भूमिका भी संदिग्ध है. सीआईडी की टीम उनसे भी इस मामले में गहराई से पूछताछ करेगी.
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बता दें कि 25 अगस्त 2019 को निरसा पुलिस ने एक गाड़ी से 39 किलो गांजा बरामद किया था. इस मामले में ईसीएल कोलकर्मी चिरंजीत घोष को गिरफ्तार कर निरसा पुलिस ने जेल भेज दिया था. 27 दिनों बाद तथ्यों की भूल बताते हुए पुलिस ने न्यायालय को डायरी सौंपी थी, जिसके बाद चिरंजीत जेल से छूटकर बाहर आए थे.
इस पूरे प्रकरण में धनबाद के तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल, एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा, निरसा के पूर्व थाना प्रभारी उमेश सिंह की भूमिका की जांच की जा रही है. डीआईजी प्रभात कुमार ने निरसा थाना प्रभारी को इस मामले में पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. इसके साथ ही प्रभात कुमार ने एसडीपीओ को शो कॉज नोटिस भी भेजा गया था. इस मामले की अब सीआईडी जांच चल रही है.