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धनबाद: DPT टीकाकरण के बाद बच्ची चल पाने में असमर्थ, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप - धनबाद में डीपीटी टीकाकरण पर सवाल

धनबाद जिले में DPT टीकाकरण के बाद एक बच्ची के चलने में असमर्थ होने का मामला सामने आया है. इसके तहत परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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टीकाकरण के बाद बच्ची चलने में असमर्थ

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Published : Sep 29, 2020, 3:50 PM IST

धनबाद:डीपीटी टीकाकरण के बाद सुदामडीह की रहने वाली 5 साल की बच्ची चलने फिरने में असमर्थ हो गई. जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने टीकाकरण करने वाले एएनएम मंजू देवी और स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. साथ ही बच्ची की हालत देख चिंतित परिजन उसे इलाज के लिए राजस्थान उदयपुर ले गए हैं. अब स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर सुनील कुमार डीपीटी की खुराक की जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा होने की बात कह रहे हैं.

देखें पूरी खबर
चलने में असमर्थ हुई बच्चीझरिया के सुदामडीह थाना क्षेत्र के दो लाइनों के बीच की रहने वाली रिंकी देवी अपनी 5 साल की बेटी सपना को 3 सितंबर को अजमेरा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर ले गई थी. डीपीटी टीकाकरण के बाद बच्ची को घर लाई, जिसके बाद बच्ची चलने फिरने में असमर्थ हो गई. परिजनों की तरफ से टीकाकरण करने वाली एएनएम मंजू देवी से मामले की शिकायत की गई.बच्ची को किया गया पीएमसीएच रेफरइसके बाद परिजनों की तरफ से मामले की शिकायत चासनाला स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार से की गई. सुनील कुमार की तरफ से बच्ची को दवा देकर पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. पीएमसीएच के डॉक्टरों ने बच्ची को बैंडेज बांध कर घर जाने के लिए छोड़ दिया, लेकिन इतने दिनों में बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद परिजनों ने बच्ची को बेहतर इलाज के लिए राजस्थान के उदयपुर भेज दिया है.इसे भी पढे़ं-धनबाद: SSLNT महिला कॉलेज की आसपास की दुकानों का सर्वे, अवैध दुकानों पर चलेगा प्रशासन का डंडा


टीकाकरण के बाद से हुई परेशानी
बच्ची के परिजनों ने बताया कि डीपीटी के टीकाकरण के बाद ही वह चलने फिरने में असमर्थ हो गई है. बच्ची नर्सरी कक्षा में पढ़ने जाया करती थी. टीकाकरण के बाद बच्ची के पैर ने पूरी तरह से एक काम करना बंद कर दिया है. वहीं इस मामले पर चासनाला स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इस तरह की कोई भी बात नहीं है. डीपीटी की खुराक का सैंपल लेबोरेटरी जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पूरे मामले की सच्चाई पता लग सकेगा.

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