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IIT-ISM धनबाद में ब्लड डोनेशन कैंप, लोगों की जान बचाने की मुहिम - Jharkhand News

IIT-ISM धनबाद में ब्लड डोनेशन कैंप (Blood donation camp at ISM Dhanbad) का आयोजन किया गया. अस्पतालों में खून की कमी ना हो, इसके लिए छात्रों की संस्था 'फास्ट फारवर्ड इंडिया' के द्वारा हर तीन महीने में कैंप आयजित की जाती है. छात्रों ने इस बार 250 यूनिट ब्लड संग्रह करने का लक्ष्य रखा था.

Blood donation camp at ISM Dhanbad
Blood donation camp at ISM Dhanbad

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Published : Sep 12, 2022, 2:29 PM IST

धनबाद:IIT-ISM धनबाद में अध्ययनरत छात्र सिर्फ इंजीनियरिंग की पढ़ाई ही नहीं करते बल्कि सामाजिक दायित्व का भी बढ़ चढ़कर निर्वहन करते हैं. अस्पतालों में खून की कमी ना हो इसके लिए आइएसएम के छात्र हमेशा सजग रहते हैं. समय समय पर छात्रों द्वारा न सिर्फ ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जाता है बल्कि, लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है. IIT-ISM धनबाद के छात्रों के द्वारा बनाई गई संस्था 'फास्ट फारवर्ड इंडिया' के द्वारा लगातार यह कार्य किया जा रहा है. इसी क्रम में रविवार को आईएसएम के हेल्थ सेंटर में छात्रों के द्वारा ब्लड डोनेशन कैंप (Blood donation camp at ISM Dhanbad) लगाया गया.

250 यूनिट ब्लड संग्रह करने का लक्ष्य: छात्रों ने भी ब्लड डोनेशन कैंप में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. पिछली बार लगाई गई ब्लड डोनेशन कैंप में 350 यूनिट ब्लड संग्रह किया गया था. इस बार करीब 250 यूनिट ब्लड संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया. डॉक्टर संजीव कुमार साहू ने कहा कि यहां के छात्र सामाजिक हित में कई तरह के काम करते हैं. कई अलग अलग छात्रों के ग्रुप हैं, इनमें से एक ग्रुप फास्ट फारवर्ड इंडिया का है. यह ग्रुप लोगों से रक्तदान करने की अपील करते हैं.

हर तीन महीने में लगाया जाता है ब्लड डोनेशन कैंप: संस्था के सचिव छात्र लवकुश मिश्रा ने कहा कि अस्पतालों में खून की कमी अक्सर देखी जाती है, जिसे लेकर हर तीन महीने में ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जाता है. विभिन्न क्षेत्रों में ब्लड डोनेशन कैंप चलाया जाता है. ब्लड डोनेट के लिए हमारी संस्था लोगों के बीच जागरुकता अभियान भी चलाती है. वहीं ब्लड डोनेट करने के लिए पहुंची आईएसएम धनबाद की छात्रा आस्था निर्माण ने कहा कि मैं ब्लड डोनेट करने के लिए लगातार प्रयासरत थी, मेरी हीमोग्लोबिन कम रहती थी. उसके बाद मैंने हीमोग्लोबिन ठीक करने पर ध्यान दिया. बाद में जब मेरे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा ठीक हुई, तो मैंने ब्लड डोनेट किया है. आस्था ने लोगों से भी ब्लड डोनेट करने की अपील की है.

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