धनबादः नीरज हत्याकांड मामले में जेल में बंद बीजेपी विधायक संजीव सिंह समेत दूसरे आरोपियों की पेशी आलोक कुमार की अदालत हुई. पेशी के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान विधायक संजीव सिंह के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया कि झरिया विधानसभा सीट से संजीव सिंह को चुनाव प्रचार-प्रसार करने की अनुमति कोर्ट ने नहीं दी है. इसके साथ ही संजीव सिंह ने हर्ष सिंह पर नीरज सिंह की हत्या कराने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. वहीं, विधायक ने जेल के अंदर प्रताड़ित करने की शिकायत की थी. जिसपर कोर्ट ने जेल प्रशासन को शोकॉज किया है.
चुनाव प्रचार प्रसार की नहीं मिली अनुमति
जेल में बंद बीजेपी झरिया विधायक संजीव सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था. इसके लिए चुनाव प्रचार प्रसार करने की कोर्ट ने अनुमति नहीं दी है. विधायक के अधिवक्ता ने कोर्ट में 2 सप्ताह के लिए प्रोविजनल बेल की अपील की गई थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
संजीव सिंह के अधिवक्ता का बयान ये भी पढ़ें-गोडसे बयान : बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने लोकसभा में दोबारा माफी मांगी
हर्ष सिंह पर नीरज की हत्या कराने का लगाया आरोप
बीजेपी विधायक संजीव सिंह ने हर्ष सिंह पर नीरज सिंह की हत्या कराने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही विधायक ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. विधायक ने इसकी शिकायत हाईकोर्ट में की गई थी. जिस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिकायत को स्वीकृत कर लिया है. अब इस मामले की जांच सीबीआई जांच करेगी या नहीं यह फैसला हाई कोर्ट में होगा.
बता दें कि विधायक संजीव सिंह द्वारा अपने निर्दलीय उम्मीदवार के नामांकन के दौरान यह आरोप लगाया गया था कि नीरज की मौत के बाद सबसे ज्यादा फायदा उसके मौसेरे भाई हर्ष सिंह को हो रहा है और नीरज की हत्या हर्ष के द्वारा ही करवाई गयी है. विधायक ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.
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जेल प्रशासन को शो-कॉज
विधायक संजीव सिंह की ओर से जेल के अंदर 8 नवंबर को प्रताड़ित करने का आरोप जेल प्रशासन पर लगाया गया था. इसकी सुनवाई कोर्ट में हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जेल प्रशासन को शो कॉज किया है. विधायक ने यह शिकायत की थी कि जेल के अंदर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और बाहरी लोग उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. संजीव सिंह का कहना है कि 8 नवंबर की आधी रात को जब वह अपने सेल में आराम कर रहे थे, तब कुछ पुलिस पदाधिकारियों के साथ रांची के जेल एआईजी तुषार रंजन गुप्ता और हामिद अख्तर उनके सेल में आए और डीसी और जेलर के नहीं होने पर इन लोगों ने नीरज हत्याकांड मामले में उनसे पूछताछ की, जबकि पुलिस ने मामले की चार्ज शीट कोर्ट को सौंप चुकी है. ऐसे में नीरज हत्याकांड में विधायक से पूछताछ करना सांवैधानिक अधिकारों का हनन है.
संजीव सिंह का आरोप है कि पुलिस की वर्दी में शामिल लोगों में कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि वह पुलिस नहीं बल्कि बाहरी लोग हैं. उन्हें पुलिस की वर्दी पहनाकर जेल के अंदर प्रवेश कराए जाने का भी आरोप विधायक ने लगाया.