धनबादः बीजेपी से बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद धनबाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया (BJP MLA Dhullu Mahto surrendered in court In Dhanbad) है. जिसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
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झारखंड उच्च न्यायालय ने ढुल्लू महतो की रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें एक माह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था. एक माह की अवधि 10 जनवरी को पूरी होनी थी, लिहाजा विधायक ने सोमवार 9 तारीख को सरेंडर कर दिया. अधिवक्ताओं की हड़ताल है फिर भी विधायक अपने अधिवक्ता के बिना ही खुद ही अदालत में पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद धनबाद के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत ने विधायक ढुल्लू महतो को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
न्यायपालिका पर मुझे पूरा भरोसाः यहां मीडिया से बात करते हुए विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर हम आज आत्मसर्पण किए हैं, न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा है. साल 2013 का यह प्रशासनिक विभाग का मामला है, जबकि उस मामले को हम जानते भी नहीं है, उस मामले में हम कही भी नहीं थे. पूर्व में मैंने सीबीआई जांच के लिए भी मांग की थी. अपनी बीमारी को लेकर उन्होंने कहा कि हां रविवार रात मेरी तबीयत अचानक बिगड़ गयी थी, पेट में दर्द अचानक बढ़ गया था.
रविवार रात बीमार पड़ गए थे विधायकः सोमवार को विधायक ने सरेंडर कर दिया. लेकिन इससे पहले रविवार देर रात बाघमारा विधानसभा से बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो अचानक बीमार पड़ गए. पेट में तेज दर्द होने की शिकायत के बाद उन्हें आनन फानन में निचितपुर अस्पताल में भर्ती (BJP MLA Dhullu Mahto hospitalized in Dhanbad) कराया गया. क्लीनिक में डॉक्टर उमाशंकर सिंह की देखरेख में उनका प्राथमिक उपचार किया गया. इसके बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. जहां धनबाद में ही उनका देर रात तक इलाज किया गया.
क्या है मामलाः एमिड कोल इंटरप्राईजेज के मुंशी गौरी शंकर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने ढुल्लू के समर्थक राजेश गुप्ता सहित तीन-चार अन्य के विरुद्ध रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया था. प्राथमिकी के मुताबिक 20 अप्रैल को राजेश ने 1 हजार रुपये प्रति टन रंगदारी की मांग की थी. पैसा नहीं देने पर राजेश ने उसके ट्रकों पर निर्धारित किस्म का कोयला न लोड कर पत्थर कोयला निकाल दिया. उस मामले में ही अदालत से राजेश के विरुद्ध गिरफ्तारी का वारंट लेकर कतरास व बरोरा पुलिस की संयुक्त टीम ने राजेश को निचितपुर स्थित आवास से दबोचा था. जिसे विधायक ने पुलिस कस्टडी से जबरन छुड़ाया था.
जानकारी देते धनबाद संवाददाता नरेंद्र निषाद विधायक को कोर्ट में करना था सरेंडरः झारखंड हाई कोर्ट ने 12 दिसंबर को एक इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ने और पुलिस हिरासत से वारंटी को छुड़ाने के मामले में सजायाफ्ता विधायक ढुल्लू महतो को अगले 4 हफ्तों में निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया था. 4 नवंबर 2019 को कुल चार अपील दायर सजा के आदेश को चुनौती दी थी. लेकिन कोर्ट ने 28 अगस्त 2022 को खारिज कर दिया. लेकिन इस केस में विधायक की ओर से उच्च न्यायालय में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर की गयी. इसके अलावा उन्होंने हाई कोर्ट में आत्मसमर्पण करने में रियायत देने की भी मांग की पर उनका ये आग्रह ठुकरा दिया. इसके बाद से ही विधायक ढुल्लू महतो की मुश्किलें बढ़ गईं. इधर हाई कोर्ट ने निचली अदालत से इस केस का सारा रिकॉर्ड मांगा. इस मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.
कयासों का बाजार रहा गर्मः अब विधायक की तबीयत अचानक बिगड़ गयी है तो कयास ये लगाए जाते रहे थे कि आखिर ऐसे हाल में विधायक सरेंडर कैसे करेंगे. उनके केस के बारे में बताएं तो, बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो पर 2013 में सरकारी कार्य में बाधा डालने, ऑन ड्यूटी इंस्पेक्टर आरएन चौधरी की वर्दी फाड़ने और वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ाने का केस धनबाद के कतरास थाना में दर्ज किया गया था. इस मामले में ट्रायल के बाद धनबाद की अनुमंडल दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की कोर्ट ने 9 अक्टूबर 2019 ने विधायक को 18 महीने की सजा सुनाई थी. इसी मामले पर हाई कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया था.