राज सिन्हा, विधायक, धनबाद धनबाद: 25 जून 1975 को पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 48 साल पहले लगाई गई इस आपातकाल को भाजपा काला दिवस के रूप में मनाती आई है. इसी क्रम में रविवार को जोडाफाटक रोड स्थित इंडस्ट्री एंड कामर्स एसोसिएशन भवन में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन कर काला दिवस मनाया गया. जिसमें सांसद पीएन सिंह, निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, विधायक राज सिन्हा समेत पार्टी के कई नेता शामिल हुए.
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मीडिया को जानकारी देते हुए विधायक राज सिन्हा ने कहा कि आज के दिन को हम सभी काला दिवस के रूप में याद करते हैं. आज के ही दिन 48 साल पूर्व 1975 में आपातकाल लगा था. आपातकाल में लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या करने का काम किया गया था. किसी को बोलने की आजादी नहीं थी. हजारों नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. अंग्रेजों की तरह ही जेल में उन नेताओं को यातनाएं दी जाती थी. उन्होंने आगे कहा कि आज कांग्रेस पार्टी के नेता बोलते हैं कि आज देश में बोलने की आजादी नहीं है.
'विपक्षी दलों के पास कोई एजेंडा नहीं': उन्होंने कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार जैसे नेताओं को कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिया था. आज वही नेता कांग्रेस के गले में गलबहियां डालकर राजनीति कर रहे हैं. सिर्फ इसलिए कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री ना बने. इन नेताओं ने भी कांग्रेस के विरुद्ध आपातकाल में आंदोलन किया था. लोकतंत्र की हत्या कैसे कांग्रेस ने की थी. यह बातें वे नेता आज भूल चुके हैं. यही नेता फिर से कांग्रेस को देश की कमान सौंपने की तैयारी में जुटे हैं. इनके पास अपना कोई एजेंडा नहीं है.