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धनबाद: BJP कार्यकर्ताओं ने जलाई लैंड म्यूटेशन बिल की कॉपी, कहा- लोगों की जमीन को लूटने वाला है बिल - धनबाद में लैंड म्यूटेशन बिल पर विवाद बढ़ा

धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने लैंड म्यूटेशन बिल की कॉपी जलाई. भाजपा विधायक राज सिन्हा और निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी मौके पर मौजूद रहे. इस दौरान विधायक राज सिन्हा ने कहा कि यह बिल आम लोगों की जमीन को लूटने वाला बिल है.

BJP burnt copy of land mutation bill in dhanbad
BJP burnt copy of land mutation bill in dhanbad

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Published : Sep 20, 2020, 8:37 PM IST

धनबाद: जिले के रणधीर वर्मा चौक पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने लैंड म्यूटेशन बिल की कॉपी जलाई. इस दौरान पार्टी के नेताओं ने हेमंत सरकार के खिलाफ में नारेबाजी भी की. भाजपा विधायक राज सिन्हा और निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी मौके पर मौजूद रहे.

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आम लोगों की जमीन को लूटने वाला बिल

मीडिया से बातचीत के दौरान विधायक राज सिन्हा ने कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि लैंड म्यूटेशन बिल का विरोध बीजेपी हर स्तर पर करेगी. विधायक ने कहा कि हेमंत सरकार अगर हिमाकत करती है, तो झारखंड विधानसभा हर हाल में नही चलने दिया जाएगा. बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बीजेपी के सभी विधायक इस बिल का सदन में पुरजोर विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि विरोध का जो नजारा सड़कों पर देखने को मिल रहा है. सदन में यह नजारा देखने को मिलेगा. विधायक ने कहा कि यह बिल आम लोगों की जमीन को लूटने वाला बिल है. वहीं निरवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने इस बिल को अराजक बिल बताया है. साथ ही कहा कि राज्य में अराजकता फैलाने को लेकर सरकार यह बिल लाने का काम रही है.

क्या है लैंड म्यूटेशन बिल

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने जो झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल-2020 तैयार किया है, उसके मुताबिक, अब किसी राजस्व अधिकारी को उसकी गलती के लिए दंडित नहीं किया जा सकेगा. यहां तक कि उसके खिलाफ लोगों को शिकायत का भी अधिकार नहीं होगा. एक्ट की धारा-22 के प्रावधान के तहत अब अंचलाधिकारी व अन्य राजस्व अधिकारी की ओर से जमीन से संबंधित मामलों के निपटारे के दौरान किये गये किसी काम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है. इसी प्रावधान का विरोध हो रहा है.

बिल में प्रावधान किया गया है कि किसी भी कोर्ट में इन अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह का सिविल या क्रिमिनल केस दर्ज नहीं कराया जा सकेगा. अगर किसी कोर्ट में किसी भी अधिकारी के खिलाफ जमीन से संबंधित सिविल या क्रिमिनल केस चल रहा हो, तो उसे समाप्त कर दिया जायेगा.

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