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Dhanbad News: BIT सिंदरी के छात्रों ने बनाई इलेक्ट्रिक साइकिल, फीचर्स जानकर हो जाएंगे हैरान

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, ये कहावत बीआईटी सिंदरी के छात्र के ऊपर बिलकुल फिट बैठती है. क्योंकि बीआईटी के छात्रों का इलेक्ट्रिक साइकिल एक ऐसे आविष्कार के रूप में सामने आया है. जो उनके लिए कई काम आसान कर रहा है.

BIT Sindri students made electric bicycle in Dhanbad
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Published : May 16, 2023, 3:29 PM IST

Updated : May 16, 2023, 6:57 PM IST

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धनबादः जिला में बीआईटी सिंदरी के कैंपस में बाइक राइडिंग पर प्रतिबंध है, यहां कोई भी छात्र बाइक नहीं चला सकता है. पूरा कैंपस 5 किलोमीटर से भी अधिक के दायरे में है. छात्रों को विशेषकर चिलचिलाती गर्मी में अधिक कठिनाइयों का समाना करना पड़ता है. अब छात्रों ने इस कठिनाई का समाधान खुद निकाल लिया है.

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इन छात्रों ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई है, जो काफी कम लागत के साथ साथ इको फ्रेंडली भी है. इसके साथ ही इस साइकिल में कई फीचर्स मौजूद हैं. सबसे बड़ी बात एक बाइक प्रति किलोमीटर 2 रुपए का खर्च आता है जबकि इलेक्ट्रिक साइकिल मे महज आठ पैसे प्रति किलोमीटर का कॉस्ट आता है. बच्चे, महिला और बुजुर्ग हर कोई इलेक्ट्रिक साइकिल को आसानी से चला सकता है. ईटीवी भारत बीआइटी के उन तीन होनहार छात्रों से आपको मिलवा रहा, जिन्होंने इस इलेक्ट्रिक साइकिल का आविष्कार किया है.

मैकनिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र हैं तीनोंः बीआईटी सिंदरी के मैकनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सौरव मोदक, शुभम साव और ऋषि आनंद, इन तीन छात्रों ने मिलकर इलेक्ट्रिक साइकिल का आविष्कार किया है. इलेक्ट्रिक साइकिल आम साइकिलों की तरह ही दिखता है, इसे बनाने मे करीब डेढ़ महीने का समय लगा. इसकी कुल लागत करीब 14 हजार है. इसकी मैक्सिमम स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा है. एक बार चार्ज करने पर यह 30 किलोमीटर की दूरी तय करती है, 90 किलो तक वजन की क्षमता साइकिल की है.

देसी जुगाड़ से बनायी साइकिलः इसे बनाने के लिए पुरानी साइकिल में ही बैटरी, मोटर और कंट्रोलर लगाया गया है. इन सबको फिट करके एक साधारण साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल का रुप दिया गया है. इसके साथ ही इसकी सीट और हैंडल की ऊंचाई सुविधानुसार घटायी और बढ़ायी जा सकती है. साइकिल में कई फीचर्स मौजूद हैं. सौर ऊर्जा से भी इसे चार्ज किया जा सकता है, इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया है.

छात्रों ने बताया कि कॉलेज कैंपस में गर्मी के दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. एक क्लास से दूसरे क्लास को अटेंड करने में थकावट महसूस होती थी. जिसके बाद इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने की ठानी. उन्होंने बताया कि हर कोई इसे चला सकता है. बच्चों को ट्यूशन आने जाने के लिए यह काफी मददगार साबित होगा. साइकिल में लगे जीपीएस सिस्टम से माता-पिता अपने बच्चों पर नजर रख सकते हैं.

Last Updated : May 16, 2023, 6:57 PM IST

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