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धनबादः बदहाली पर आंसू रहा निरसा रेफरल हॉस्पिटल, करोड़ों की बिल्डिंग खंडहर में हो रही तब्दील - निरसा रेफरल हॉस्पिटल की हालत खस्ता

धनबाद के निरसा स्थित रेफर हॉस्पिटल की हालत दिनों दिन खस्ता हो रही है.अस्पताल राजनीतिक लड़ाई के कारण यह अस्पताल पिछले 8 वर्षों से बंद पड़ा है. क्षेत्र में अमूमन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की घोर कमी है. ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

रेफरल हॉस्पिटल
रेफरल हॉस्पिटल

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Published : Oct 8, 2020, 10:31 PM IST

धनबादः जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. सरकार लाख दावा करे मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. हालत यह है अनेक अस्पतालों में जरूरी सुविधाएं नहीं हैं. निरसा का यह रेफरल हॉस्पिटल का भी कुछ यही हाल है. अस्पताल शुरू होने से पहले ही दम तोड़ रहा है. यह अस्पताल आज खुद बीमार है.

निरसा रेफरल हॉस्पिटल बदहाल

वर्ष 2008 में तत्कालीन निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता के प्रयासों से ही इस अस्पताल की नींव रखी गई और 2012 में लगभग बनकर तैयार भी हो गया लेकिन सेनगुप्ता के चुनाव हारने के बाद ना तो क्षेत्र के विधायक ने इसकी सुध ली और ना ही राज्य सरकार ने.

नतीजा यह हुआ कि राजनीति के फेर में फंसा कर यह रेफरल हॉस्पिटल बन्द पड़ा है. आलम यह है कि अस्पताल के छज्जे टूट कर गिर रहे हैं. शौचालय का भी आज तक निर्माण नहीं हो पाए हैं

अस्पताल परिसर में घास जम गई हैं तथा अस्पताल के कमरों में धूल की परत जम गई है. इस अस्पताल की देख रेख में दो सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं पर समय समय पर उन्हें भी मानदेय नही मिलता हैं.

क्षेत्र के विधायक एवं स्वास्थ्य टीम कभी भी इस अस्पताल का निरीक्षण करने नहीं आते है.पूर्व विधायक अरूप चटर्जी का कहना है कि बिल्डिंग बन जाने से अस्पताल चालू नहीं हो जाता है इसके लिए प्रयास करना पड़ता है.

निरसा क्षेत्र में अमूमन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की घोर कमी है जिसके कारण क्षेत्र के लोगों को समुचित इलाज नहीं हो पाता है. इसके कारण बेहतर इलाज के लिए उन्हें जिला अस्पताल जाना पड़ता है. वहीं वर्तमान विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने पूर्व विधायक पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि जिस वक्त अस्पताल का काम पूरा हो गया था उस वक्त पूर्व विधायक ने इस बात को लेकर सदन में कभी नहीं रखा था जिसके कारण अस्पताल की आज ऐसी स्थिति है.

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जनता ने मुझे दुबारा मौका दिया है मैं इस अस्पताल को जल्द से जल्द चालू करूंगी तथा क्षेत्र के लोगों को अपने स्वास्थ इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा इसी निरसा के रेफरल अस्पताल में ही समुचित इलाज की व्यवस्था की जाएगी.

करोड़ो की लागत से बना यह रेफरल अस्पताल राजनीतिक लड़ाई के कारण पिछले 8 वर्षों से बंद पड़ा है. झारखंड सरकार इस अस्पताल की ओर ध्यान दे तो निरसा के लोगों को बेहतर इलाज के लिए बाहर नहीं जाना हो पड़ेगा.

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