धनबादः रविवार को धनबाद के न्यू टाउन हॉल में बहुजन जागरण कार्यक्रम (Bahujan Jagran Program) का आयोजन किया गया. यहां मुख्य अतिथि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रपौत्र डॉ राजरत्न अंबेडकर (Bhimrao great grandson Dr Raj Ratna Ambedkar) और राष्ट्रीय भारतीय बौद्ध महासभा के अध्यक्ष विशिष्ट अतिथि क्रंतिकारी डॉ करुणाशील राहुल ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया.
बाबा साहब के प्रपौत्र ने (Dr Raj Ratna Ambedkar in Dhanbad) मीडिया से बात करते हुए कहा कि बहुजन अपने हक और अधिकार को भूल रहे हैं और बाबा साहब ने जो बौद्ध धर्म दिए हैं, उसे जीवित करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने लोगों से अपील कि है कि बाबा साहब ने हमें बौद्ध धर्म की ओर आने को कहा है और लोग बौद्ध धर्म की ओर अग्रसर हों. सियासी दलों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि इस देश के प्रधानमंत्री जय भीम करते है और राहुल गांधी जय भीम करते हैं. लेकिन वो कभी बाबा साहेब की जयकारा कभी करना नहीं चाहते हैं. वो सिर्फ बाबा साहेब के मानने वालों को भटका रहे हैं, ऐसे लोगों से हमें बचकर रहने की जरूरत है. प्रपौत्र ने कहा कि बाबा साहेब अगर देश के प्रधानमंत्री बनते तो इस देश की तस्वीर ही अलग रहती.
झारखंड की राजनीति पर उन्होंने कहा कि इस राज्य में जो चल रहा है, वह पहले से ही महाराष्ट्र में हो चुका है. लोग झारखंड को डिस्टर्ब करना चाहते हैं, प्रदेश में आज जो सीएम बने हैं, इस देश की ब्राम्हणी व्यवस्था उन्हें सीएम के रूप में देखना नहीं चाहती है. बीजेपी जैसी पार्टी लोगों को खरीदकर अपनी सत्ता इस देश मे ला रही है.
इस मौके पर बौद्धविशिष्ट अतिथि क्रांतिकारी डॉ करुणाशील राहुल ने अपने संबोधन में समाज और धर्म की संरक्षा पर देते हुए बाबा साहेब की जीवनी के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जाति ही देश की समस्या है, जाति व्यवस्था में रहना ही नरक है, इसलिए बाबा साहेब जाति से मुक्त हो गए. उन्होंने कहा कि देश में कई नदियां हैं, जिनका कई नाम हैं लेकिन समुद्र में मिलने के बाद सभी नाम मिट जाते हैं. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म समुद्र है, कोई भी मनुष्य किसी भी जाति में जन्म लेते हैं. लेकिन बौद्ध धर्म में आने के बाद सभी जाति मिट जाती है और वह सिर्फ बौद्ध बन जाते हैं. जिस दिन से आप अपने को बौद्ध बनाएंगे, उस दिन से जाति व्यवस्था खत्म हो जाती है. इसलिए बौद्ध किसी भी किसी जाति, किसी धर्म की अपेक्षा नहीं करता है. यहां आकर संत रविदास का भी ज्ञान लेने का मौका प्राप्त हुआ, जाति एक रोग है जिसे मुक्त करने की जरुरत है. आप किसी की पूजा करो ये आपका स्वभाव है, अगर वो संबंध अच्छा है तो सुख मिलेगा अगर संबंध खराब है तो दुःख मिलेगा.