धनबाद: देश के जाने माने वैज्ञानिक संस्थान केंद्रीय खनन और इंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के वैज्ञानिक हमेशा नए-नए आविष्कार के लिए जाने जाते हैं. अब सिंफर की एक महिला वैज्ञानिक ने तालाबों और नदियों में पाए जाने वाले शैवाल से फूड मटेरियल बनाने का जिम्मा उठाया है. जिस पर काम शुरू भी हो चुका है जिसे पूरे होने में दो साल का समय लग सकता है.
शैवाल से दूर होगा कुपोषण
बता दें कि केंद्रीय खनन और इंधन अनुसंधान संस्थान के धनबाद में दो कैंपस है. एक झरिया के डिगवाडडीह में है तो दूसरा बरटांड इलाके में है. दोनों ही जगहों पर वैज्ञानिक अपने आविष्कारों को अंजाम देने में जुटे रहते हैं. इस बार डिगवाडीह में कार्यरत एक महिला वैज्ञानिक डॉ वी अंगु सेल्वी ने तालाबों और नदियों में उगने वाले शैवाल (एल्गी) से फूड मटेरियल तैयार करने का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके लिए तालाबों, नदियों और अन्य जल स्रोतों से शैवाल एकत्रित किया जाएगा. जिसके बाद मानव शरीर को हानि पहुंचानेवाले तत्वों को लैब अलग किया जाएगा. उसके बाद इन शैवालों से प्रोटीन और अन्य उपयोगी पदार्थ निकालकर उससे फूड प्रोडक्ट तैयार किया जाएगा. जिसके जरिए छोटे बच्चों और बुजुर्गों में होने वाले कुपोषण को दूर किया जा सकता है. इस बारे में डॉक्टर सेल्वी बताती हैं कि इस काम को पूरा करने के लिए 2 वर्ष निर्धारित किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि यह प्रोडक्ट कैप्सूल, टेबलेट और पाउडर फॉर्म में तैयार किया जाएगा, ताकि इसे लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सके. दूध के साथ इसका सेवन करने पर ज्यादा लाभ हो सकेगा.
ये भी पढ़ें-धधकते अंगारों ने छीना इस शहर का चैन, जानिए दशकों पहले भड़की चिंगारी की कहानी