धनबाद में तालाबों पर अतिक्रमण की आई सुध, एडीएम ने मांगा ब्योरा
धनबाद में तालाबों पर अतिक्रमण की आखिरकार जिला प्रशासन को सुध आ गई. ईटीवी भारत के इस ओर ध्यान खींचने पर एडीएम ने अंचलाधिकारियों से तालाबों का ब्योरा मांगा है.
धनबादःधनबाद में तालाबों पर अतिक्रमण की आखिरकार जिला प्रशासन को सुध आ गई. ईटीवी भारत की ओर से जिले में तालाबों पर अतिक्रमण की खबर प्रकाशित किए जाने के बाद अब एडीएम कुमार ताराचंद ने मामले का संज्ञान लिया है. एडीएम ने जिले के सभी अंचलाधिकारी से तालाबों पर अतिक्रमण का ब्योरा मांगा है. एडीएम ने रिपोर्ट में तालाब के सीमांकन, अवैध कब्जे और वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगा है. जिला प्रशासन के इस कदम से भूमाफिया और बिल्डर में हड़कंप मचा है. साथ ही धनबाद में भूजल स्तर में वृद्धि के लिए कदम उठाए जाने की संभावना जगी है.
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बता दें कि धनबाद में सरकारी तालाबों को जल्द अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने की योजना तैयार की जाने लगी है. जिले के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने सभी अंचलाधिकारियों को उनके क्षेत्र के तालाबों को सूचीबद्ध करने, तालाबों का सीमांकन कराने और उसकी रिपोर्ट एक महीने के भीतर उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
धनबाद शहर के तालाब
धनबाद शहर की बात करें तो हीरापुर, पॉलीटेक्निक रोड, तेतुलतल्ला, बरमसिया में कई तालाब हैं, जिन पर अतिक्रमण है. भूमाफिया और बिल्डर भी इन तालाबों का वजूद मिटाने पर जुटे हैं. धनबाद के पॉलीटेक्निक रोड पर स्थित पम्पू तालाब के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है. इधर, जिले के अधिकारियों को यहां कितने सरकारी और गैर सरकारी तालाब हैं इसकी जानकारी ही नहीं है. बताया जाता है कि जिले में छोटे-बड़े 1200 से अधिक तालाब हैं.
तालाब अतिक्रमण मुक्त कराएं
स्थानीय प्रद्युम्न चौबे का कहना है कि तालाब, नदी, झील जल संरक्षण के लिए जरूरी हैं, लेकिन जल स्रोतों का अस्तित्व खतरे में डालने से दिन ब दिन कोयलांचल जल संकट से रूबरू हो रहा है. इस समस्या से निजात पाने के लिए तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किया जाना चाहिए.