धनबाद: वैसे कहने को तो हम 21वीं सदी के डीजीटल युग में जी रहे हैं, लेकिन आज भी हमारे देश में अंधविश्वास का दौरा जारी है. धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड के खिलकनाली गांव में एक शिव मंदिर है जहां अंधविश्वास का नजारा अक्सर देखने को मिलता है.
आस्था या अंधविश्वास! यहां नाग देवता लगाते हैं अपना दरबार - झारखंड न्यूज
धनबाद में अंधविश्वास का आस्था आज भी जारी है. गोविंदपुर प्रखंड के खिलकनाली गांव में एक शिव मंदिर है जहां एक महिला पर हर सोमवार को नाग देवता विराजते हैं, लोगों का मानना है यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, आनेवाले सभी श्रद्धालुओं का मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.
विज्ञान के इस युग जहां मनुष्य चांद पर जा पहुंचा वहां आज भी हम अंधविश्वास के अंधेरे में विश्वास जमाए बैठे हैं. यह विश्वास करना लोगों के लिए मुश्किल होगा लेकिन कुछ ऐसा ही होता है धनबाद जिले के गोविंदपुर इलाके में, जहां लगभग तीन-चार वर्षों से एक महिला के ऊपर नाग देवता सवार होते हैं और फिर महिला झूमने लगती है.
लोगों की अलग-अलग मान्यताएं
खिलकनाली गांव में एक छोटा सा शिव मंदिर है. जहां पर शिवलिंग के साथ-साथ कुछ मूर्तियां भी हैं. मंदिर में दिमक का एक ढेर है जिसे लोग सांपों का टिल्हा मानते हैं. यहां आनेवाले श्रद्धालु बताते हैं कि भगवान शिव साक्षात प्रकट हुए थे तबसे नाग देवता उन्हें पकड़ने के लिए आते हैं. हर सोमवार को नाग देवता यहां प्रकट होते हैं, जो लोग लगातार तीन सोमवार नाग देवता का पूजा करने आते हैं उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.
वहीं एक महिला श्रद्धालु बताती हैं कि सोमवार को यहां आने से कई बिमारियां खत्म हो जाती है.
लोग यहां हर सोमवार कई जगहों से अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए आते हैं, नाग देवता को खुश करने के लिए गीत गाते हैं और खूब झूमते हैं. अब आज के इस युग में इसे अंधविश्वास कहेंगे या आस्था ये एक बड़ा सवाल है.