देवघरः देवों की नगरी देवघर को परंपराओं की नगरी कहा जाता है. यहां की परंपरा विश्व में सबसे अनोखी है और शिवरात्रि में भी अनूठी परंपरा की मिसाल देखने को मिलती है. विश्व में एकमात्र शिवालय बाबा मंदिर है जहां पर बाबा भोले सहित सभी मंदिर के शीर्ष पर पंचशूल विराजमान है. बाकी सभी शिवालयों के शीर्ष पर त्रिशूल होता है.
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शीर्ष से उतारा गया पंचशूल
कहा जाता है कि अगर किसी कारणवश आप ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पाते हैं और आप पंचशूल के दर्शन कर लें तो आपको भोले बाबा का आशीर्वाद मिल जाएगा. शिवरात्रि के दो दिन पहले पंचशूल उतारने की अनूठी परंपरा रही है. साल में सिर्फ इसी दिन पंचशूल को पूरी विधि विधान और मंत्रोच्चारण पूर्वक उतारा जाता है. उसके बाद कई तरह के पूजन विधि के बाद इसे फिर से दूसरे दिन बाबा मंदिर के शीर्ष पर चढ़ा दिया जाता है. बुधवार के पंचशुल उतारा गया और इसे स्पर्श करने और इसके दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं उमड़ पड़ी.
बाबा मंदिर में पंचशूल दर्शन के लिए भक्तों की हुजूम को देखते हुए और दुर्घटना की संभावनाओं को दूर करने के लिए पुलिस प्रशाशन की ओर से व्यापक सुरक्षा व्यवस्था भी की गई थी. यह एक अनूठी परंपरा है जो सदियों से निभाई जा रही है.