देवघर: सावन माह में गुलजार रहने वाला कांवरिया पथ सहित बाबा मंदिर आखिर सुना क्यों है, यह बहुत लोगों के जुबान पर चल रहा है. चाहे वह पैदल पथ हो, बीएड कॉलेज हो, तिवारी चौक हो या मेन पॉइंट शिवराम झा चौक, सभी जगहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. इसका खासा असर बाबा मंदिर के तीर्थ पुरोहित सहित पूरे बाजार पर पड़ा है. कांवरियों का जत्था कहीं नहीं दिख रहा है.
बाबा धाम के कांवरिया पथ में आखिर क्यों छाया है सन्नाटा, मंदिर का आंगन भी सूना, कब पहुंचेगी कांवरियों की भीड़
देवघर का कांवरियां पथ सावन में भी सूना पड़ा हुआ है. चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. इससे बाबाधाम के तीर्थ पुरोहितों के साथ ही मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदार भी परेशान हैं. सभी को उम्मीद है फिर से बाबा धाम में भीड़ के लौटने की.
श्रावणी मेला के पांचवें दिन का भी हाल यही रहा है. व्यवसायियों के चेहरे पर उदासी छाई हुई है. देवघर से बाहर से पहुंचे व्यवसायियों की स्थिति और खराब है. उन्होंने एक मोटी पूंजी लगाकर अपने व्यवसाय को मेला में स्थापित किया है. लोगों की मानें तो अन्य दिनों में इससे ज्यादा भीड़ हुआ करती थी. वहीं पुरोहितों की मानें तो प्रत्येक साल श्रावणी मेला के शुरूआती पांच दिनों में काफी भीड़ जुटती थी, जो लाखों में हुआ करती थी. वहीं मलेमास, अधिमास का भी असर इसे कहा जा रहा है और लोग इस आस में हैं कि मलेमास के बाद कांवरियों की संख्या में अप्रत्याशित भीड़ जुटेगी.
यजमान तीर्थ पुरोहित के संपर्क में हैं: बाबा मंदिर के तीर्थपुरोहित ने कहा कि उनके यजमान उनके संपर्क में हैं और मलेमास के बाद ही वे लोग कांवर लेकर निकलेंगे. वहीं अगस्त महीने में ज्यादा भीड़ होने की संभावना है. वैसे जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरे दो महीने के लिए कर रखा है. पूरी तैयारी की लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है. जिला उपायुक्त खुद मॉनिटरिंग कर रहें हैं. बहरहाल, अब लोगों को सावन महीने की पहली सोमवारी का इंतजार है. हो सकता है, उस दिन कांवरियों की भीड़ बढ़े और आने वाले समय में देवघरवासियों के चेहरे पर मुस्कान आए.