देवघर : त्रिकुट रोपवे हादसा (Deoghar Ropeway Accident) पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने मौखिक रूप से कई गंभीर टिप्पणी की और फिर से जवाब सौंपने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 14 जनवरी को निर्धारित की गई है.
देवघर रोपवे हादसा मामले में झारखंड हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से फिर मांगा जवाब - त्रिकुट रोपवे हादसा
झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर रोपवे हादसा (Deoghar Ropeway Accident) पर स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के जवाब पर नाराजगी जाहिर की और फिर से रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 जनवरी को होगी.
पूर्व में हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में मामले की सुनवाई के दौरान बीआईटी मेसरा और सिम्फर (सीआईएमएफआर) की ओर से रिपोर्ट सौंपी गई. राज्य सरकार की ओर से भी रिपोर्ट सौंपी गई. राज्य सरकार की रिपोर्ट पर अदालत ने असंतोष व्यक्त करते हुए फिर से रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार को पूर्व में आदेश दिया था कि एक कमेटी का गठन कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में दाखिल करें.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के दौरान बीआईटी, सिंफर और राज्य सरकार की रिपोर्ट को देखने के बाद असंतुष्टि जाहिर करते हुए फिर से रिपोर्ट सौंपने को कहा है. मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए मंगलवार यानी 14 जनवरी की तिथि निर्धारित की है.
पूर्व में हाई कोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया था. अदालत ने राज्य सरकार को मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा था कि दुर्घटना कैसे हुई? कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए? मौके पर राज्य सरकार के द्वारा क्या किया गया? क्या पूर्व में भी दुर्घटना हुई थी? उसके बाद दुर्घटना रोकने के लिए कुछ कदम उठाए गए थे क्या? इन तमाम बिंदुओं पर अपडेट जवाब पेश करने को कहा था.