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नवान्न पर्व पर बैद्यनाथ धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, किसानों में उत्साह की कमी - deoghar news

देवघर में नवान्न पर्व (नई फसल का त्योहार) बड़े ही धूमधाम से मनाया गया (Navana festival celebrated in Deoghar). बाबा बैद्यनाथ को दही-चूड़ा का भोग (Baba Baidyanath worship in Navanna festival) लगाया गया. गौरतलब है कि बाबा की पूजा के बाद ही शहर के घर-घर में नवान्न ग्रहण किया जाता है. किसानों की खेती अच्छी न होने की वजह से उनमें इस पर्व को लेकर उत्साह कम ही दिखा.

Navana festival
Navana festival

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Published : Nov 28, 2022, 12:45 PM IST

देवघर: धार्मिक नगरी देवघर में अगहन मास कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि सोमवार को नवान्न पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की गई (Baba Baidyanath worship in Navanna festival). वही परंपरा के अनुसार सरकारी पूजा के बाद बाबा बैद्यनाथ को दही-चूड़ा का भोग लगाया गया.

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बाबा बैद्यनाथ की पूजा: बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पुजारी सरदार पंडा ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद दही- चूड़ा का भोग लगाया. इसके बाद ही काफी संख्या में स्थानीय लोगों ने बाबा पर साकल अर्पित कर पूजा-अर्चना की. आज से एक माह तक बाबा बैद्यनाथ के नाम से श्रीयंत्र में दही- चूड़ा और गुड़ का भोग लगाया जायेगा. एक महीने बाद पूस मास कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि को विधिवत इसका समापन होगा. इसके बाद माघ मास में बाबा को खिचड़ी का भोग लगाया जायेगा. इसको लेकर भी तैयारी की जा रही है.

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बाबा की पूजा के बाद ही नवान्न ग्रहण:बाबा बैद्यनाथ को दही, चूड़ा व गुड़ अर्पित करने के बाद ही आसपास के मंदिरों में नवान्न पूजा की गई. यह देवघर जिले के परंपरा में शामिल है कि बाबा पर दही, चूड़ा व गुड़ अर्पण करने के बाद ही शहर के घर-घर में नवान्न ग्रहण किया जाता है. इस दिन लोग अपने घर के आंगन और छत पर छोटा हवन कुंड बना कर अग्नि प्रज्ज्वलित कर घंघरा, दही, केला, गुड़, मूली, अरवा चावल, मधु, घी से बने साकल अग्नि में अर्पित करते हैं. इसके बाद लोगों द्वारा नया अन्न ग्रहण किया गया.

किसानों में नवान्न पर्व को लेकर उत्साह कम: यह पर्व किसानों द्वारा उत्पादित नये फसल की खुशहाली में मनाया जाता है. देश के विभिन्न स्थानों में भी इस पर्व को लोग अलग-अलग नामों से मनाते हैं. वहीं बात करे किसानों की तो इस बार किसानों में नवान्न पर्व को लेकर उत्साह नहीं देखा जा रहा है. जिसका मुख्य कारण है कि इस बार देवघर जिले में धान की खेती नहीं हो पाई है. किसान की मानें तो नए फसल को पहले भगवान को अर्पित करते हैं फिर नवान्न को ग्रहण करते हैं. लेकिन खेती नहीं होने के कारण किसानों में नवान्न पर्व को लेकर उत्साह कम देखा जा रहा है.

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