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बाबा बैद्यनाथ और भगवान राम से जुड़ा है रहस्य, भगवान राम ने निकाली थी पहली कांवर यात्रा - बाबा बैद्यनाथ धाम

5 अगस्त को राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का शिलान्यास किया जा रहा है. इसको लेकर देवघर काफी उत्साह है. बाबाधाम के तीर्थ पुरोहित इसे त्रेता युग से जोड़कर देखते हैं और भगवान राम के अवतरण पर मानव जाति के कल्याण की बात करते हैं.

Mystery is attached to Baba Baidyanath and Lord Rama
बाबा बैद्यनाथ और भगवान राम से जुड़ा है रहस्य

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Published : Aug 4, 2020, 8:06 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 9:46 PM IST

देवघरः बाबा बैद्यनाथ धाम और भगवान राम का जुड़ाव आज से नहीं त्रेता युग से हैं. ऐसी मान्यता है कि बाबाधाम में पहली कांवर यात्रा भगवान राम ने ही शुरू की थी. बाबाधाम के मंदिर प्रांगण में भगवान राम का भी मंदिर है. 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर देवघर में भी काफी उत्साह है. आस्था में डूबे लोगों की मान्यता है कि भगवान राम का आगमन मानव जाति के समस्त कष्टों को दूर करेगा.

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श्लोक से मिलता है प्रमाण

जब भगवान राम का जन्म हुआ था तभी बाबा बैद्यनाथ का भी स्थापना हुई थी और सबसे पहला कांवर यात्रा भगवान राम द्वारा ही किया गया था. जो त्रेता युग से इसकी शुरुआत हुई थी. जो आनंद रामायण में ऐसा आया है. आज भी बाबा मंदिर प्रांगण स्थित राम लक्ष्मण जानकी मंदिर जहां एक श्लोक खुदा हुआ है.

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तीर्थ पुरोहित की मानें तो त्रेता युग की बातों के मुताबिक मनुष्य लोक में जब-जब हानि होगी, तब भगवान राम का आगमन होगा. इस घटना को 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जा रही है, इससे जोड़कर देख रहे हैं कि भगवान राम के आगमन से मानव जाति को कष्ट से मुक्ति मिलेगी.

साक्षात बाबा बैद्यनाथ विराजमान

देवघर जिसे देवों की नगरी कहा जाता है. जहां साक्षात बाबा बैद्यनाथ विराजमान है. जिसे रावण द्वारा स्थापित किया गया है. अपनी कठिन तप से बाबा बैद्यनाथ का शिवलिंग भगवान शिव से वरदान के रूप में पाया था और भगवान विष्णु ने छल से शिवलिंग को लेकर यहां स्थापित कर दिया गया. उसके बाद रावण शिवलिंग को दोबारा लंका ले जाने के लिए यहां के त्रिकूट पर्वत और तपोवन की गुफाओं में घोर तप किया. जिसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं. त्रिकूट पर्वत में रावण द्वारा उतारा गया पुष्पक विमान का प्रमाण भी इस पर्वत पर विद्यमान है.

Last Updated : Aug 4, 2020, 9:46 PM IST

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