देवघरः मंगलवार को देवघर औद्योगिक क्षेत्र स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लि. टर्मिनल में अचानक सायरन की आवाज गूंजने लगी. इससे लोग घबरा गए. लोग हैरान थे कि क्या हो रहा है, टर्मिनल में कुछ लोग स्ट्रेचर पर लोगों को ले जा रहे थे तो फायर ब्रिगेड वाहन से पानी की बौछार की जा रही थी. वाहनों के आने-जाने के लिए व्यवस्था की गई थी. बाद में लोगों को पूरी घटना की हकीकत पता चली तो लोगों ने राहत की सांस ली.
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दरअसल, देवघर औद्योगिक क्षेत्र स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लि. टर्मिनल में इमरजेंसी मॉक ड्रिल आयोजित की गई. आईओसीएल इस तरह की मॉक ड्रिल साल में दो बार प्रशासन के सहयोग से आयोजित करती है, ताकि किसी आपदा की स्थिति में बचाव की तैयारियों को परखा जा सके. इसी कड़ी में आईओसीएल के साथ देवघर जिला अग्निशमन टीम ने संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया. अग्निशमन ने प्रारंभिक चरण में योजना एवं समन्वय में सक्रिय भागीदारी और सहायता प्रदान कर मुख्य भूमिका निभाई. सभी आवश्यक उपकरणों के साथ मॉक ड्रिल में भाग लिया.
इसके बाद वहां मौजूद लोगों और कर्मचारियों को बताया गया कि आपदा आने पर तालमेल कैसे बिठाएं और पीड़ितों को जल्द से जल्द मेडिकल किट दिया जाए. ड्रिल के दौरान प्रभावी कार्य प्रणाली और प्रतिक्रिया उपकरणों के साथ त्वरित और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से अभ्यास किया गया.
चीफ फायर इंचार्ज सह डीजीएम लव श्रीवास्तव ने बताया कि मॉक ड्रिल से समाज के सभी वर्ग के लोग जागरूक होते हैं. इस तरह के मॉक ड्रिल से आपदा के समय बेहतर समन्वय का विकास होता है. जो आपदा स्थितियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए आवश्यक है. आपदा प्रतिक्रिया न केवल विशेष समूहों का कार्य है, बल्कि सामुदायिक समूहों, युवाओं, गैर सरकारी संगठनों, अधिकारियों और प्रशासन की भी इसको लेकर जिम्मेदारी है. अग्नि दुर्घटना में चेतावनी का समय नहीं होता है और नुकसान की आशंका ज्यादा रहती है. इसके लिए अधिक अलर्ट होने की जरूरत है.