देवघर:झारखंड के सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को वज्रपात से बचने के लिए तड़िक चालक लगाए गए थे. लेकिन अब स्थिति यह है कि प्रखंड के 278 विद्यालय में से अधिकांश स्कूलों में तड़ीक चालक चोरी हो गए हैं. बाकी में रखरखाव के अभाव में यह खराब हो चुके हैं. मोहनपुर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 424 छात्राएं नामांकन है, लेकिन आकाशीय बिजली से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है.
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तड़िक चालक न लगने की वजह से आवासीय विद्यालय को लेकर चिंता और अधिक नजर आती है. जिसमें ज्यादातर सरकारी विद्यालयों के भवन पर आसमानी आफत का खतरा हमेशा बना रहता है. जिसे देख वज्रपात और ठनका के समय शिक्षक और बच्चे सभी सहमे रहते हैं और हल्के बारिश में स्कूल के बगल में हुए वज्रपात के बाद यह सवाल खड़े हो रहे हैं. हैरत की बात तो यह है कि 2011-12 के दौरान लगाए गए तड़िक चालक की सूची तक विद्यालय के पास नहीं है. जहां लगा भी था तो वह चोरी हो गया और अगर अभी कहीं लगा भी है तो वह खराब हो गया है. ऐसे में ये सरकारी तंत्र की उदासीनता पर सवाल खड़ा करता है. इस दरमियान मोहनपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय वार्डन सवाती सिंह कहती हैं कि जब से स्कूल में आई हूं तब से यहां तड़ीक चालक है ही नहीं. तो वहीं जमुनिया हाई स्कूल के शिक्षक देवकांत मंडल कहते हैं कि 10 साल पहले यहां तड़ित चालक लगाया गया था लेकिन उसके ठीक दो दिन के अंदर ही वह चोरी हो गया.
एस एस प्लस टू हाई स्कूल मोहनपुर के प्राचार्य पुरुषोत्तम कुमार चौधरी बताते हैं कि विद्यालय भवन के ऊपर तड़िक चालक लगाया गया है लेकिन वह काम नहीं करता. तो वहीं प्रोजेक्ट गर्ल हाई स्कूल मोहनपुर की रागिनी सरस्वती कहती हैं कि विद्यालय में तड़ीक चालक तो है लेकिन वह खराब है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्कूलों में तड़ीक चालक इसलिए लगाई जाती है कि बच्चों की जान कड़कती बिजली के समय सुरक्षित रहे. मालूम हो कि तड़िक चालक रहने से वज्रपात की सारी शक्तियां उसमें समा जाती है और वज्र जमीन के अंदर चला जाता है. जिस भवन पर इसे लगाा जाता है. वहां वज्रपात की संभावना कम हो जाती है. उक्त मामले में अजित राजहंस कहते हैं कि अभी कितने विद्यालयों में ये लगा है, कितना चोरी हुआ है, या फिर खराब है, इसके बारे में जानकारी देना अभी कठिन है. सब रिपोर्ट बीआरसी में देता है , उतना कलेक्ट रहता नही है. जल्द ही इसको संज्ञान में लेकर जांच किया जाएगा.