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असाध्य रोगों का अचूक इलाज है 'भोलेनाथ का पसीना'!, अमोघ औषधि है शिवलिंग का 'घाम चंदन'

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Published : Jul 26, 2019, 10:34 PM IST

सावन का महीना चल रहा है, जगह-जगह भगवान शंकर की पूजा अर्चना हो रही है. देवघर वैद्यनाथ मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं, यहां की कई विशेष मान्यताएं भी हैं.

श्रृंगार

देवघर: देश भर में यूं तो भोलेनाथ के बारह ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, लेकिन बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की बात ही निराली है. बाबा बैद्यनाथ के ज्योतिर्लिंग पर जलार्पण करने से न सिर्फ मनोकामना पूर्ण होती है बल्कि, ऐसी मान्यता है कि भोलेनाथ के श्रृंगार के वक्त शिवलिंग पर रखे चंदन से असाध्य रोगों से भी छुटकारा मिलता है.

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धर्मशास्त्रों के जानकारों की माने तो, जब चंदन ज्योतिर्लिंग पर रात भर रखा जाता है तब, वही चंदन बाबा बैद्यनाथ के पसीने में भींग जाता है. उसे घाम चंदन कहते हैं. उस चंदन को हासिल करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. कहा जाता है कि घाम चंदन ग्रहण करने से बिगड़े काम भी आसानी से हो जाते हैं.

आपको बता दें कि देवघर में शाम के समय होने वाले श्रृंगार के लिए चंदन और बेल की लकड़ी को घिसकर उसका लेप तैयार किया जाता है. दिनभर की कड़ी मेहनत से इस लेप को तैयार किया जाता है. माना जाता है कि इस लेप से भोलेनाथ को गर्मी से राहत मिलती है और उसवक्त उनके मस्तक से निकलने वाला पसीना उस चंदन के लेप में मिल जाता है, जिसे घाम चंदन कहते हैं.

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