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Published : Sep 4, 2020, 2:36 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 12:41 PM IST

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देवघर: त्रिकुटी पहाड़ के पास बंदरों ने बर्बाद की सैकड़ों एकड़ फसल, मुआवजे के लिए लगाना पड़ रहा दफ्तरों के चक्कर

देवघर जिले में बंदरों के आतंक से किसानों के परेशान होने का मामला सामने आया है. यहां बंदर किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे हैं. किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.

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बंदरों से परेशान किसान

देवघर: जिले के मोहनपुर प्रखंड के त्रिकुटी पहाड़ के समीप के ग्रामीण किसान इन दिनों बंदरों के आतंक से परेशान हैं. यहां सैकड़ों एकड़ खेत में लगी खरीफ की फसल को बंदर अब तक बर्बाद कर चुके हैं. अब इसके कारण किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. इस स्थिति में किसान अब फसलों के नुकसान के एवज में सरकार से मुआवजे को लेकर दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है.

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पर्यटन स्थल बंद होने से दिक्कत बढ़ीजिले के त्रिकुटी पर्वत का नाम सुनते ही लोग रोमांचित हो उठते हैं. खासकर वहां हजारों की संख्या में बैठे बंदरों की अठखेली लोगों को खूब प्रफुल्लित करती है मगर बीते लगभग 6 महीने से लॉकडाउन के कारण सभी पर्यटन स्थल बंद हैं. ऐसे में अब बंदर आसपास के इलाके में आतंक मचा रहे हैं. त्रिकुट पर्वत के आसपास के गांव के किसानों की सैकड़ों एकड़ में लगी खरीफ फसल, धान, मकई, मूंग, गन्ना आदि बंदर बर्बाद कर चुके हैं.


सरकार से मुआवजे की मांग
किसानों की मानें तो उन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं एक किसान का कहना है कि लगभग 5 बीघा में लगे गन्ने को बंदरों ने दोबारा बर्बाद कर दिया, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है और मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं पर मुआवजे के लिए कोई प्रयास न किए जाने से उम्मीद टूटने लगी है.

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बंदरों के लिए पर्वत पर खाने की करेंगे व्यवस्था
देवघर त्रिकुट के आसपास के किसानों को हुई फसलों की नुकसान को लेकर जब जिले के उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि बंदर त्रिकुट पर्वत की पहचान हैं. लॉकडाउन की स्थिति में सभी पर्यटक स्थल बंद हैं. आम दिनों में पर्यटकों की तरफ से खाना खिलाया जाता था. मगर अभी पर्यटकों का आवागमन नहीं होने के कारण सभी बंदर गांव की और रुख कर गए हैं. इस स्थिति में वन विभाग के अधिकारियों से बात कर बंदरों को बचाते हुए किसानों की खेती भी बर्बाद न हो इसको देखा जाएगा. खासकर बंदरों को पर्वत पर ही खाने की व्यवस्था हो, जिसके लिए वन विभाग को निर्देश दिया जाएगा.

Last Updated : Sep 5, 2020, 12:41 PM IST

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