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देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को मिला बेस्ट कलेक्टर अवार्ड, बोले- बाबा बैद्यनाथ का है आशीर्वाद - Deoghar News

देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को बेस्ट कलेक्टर अवार्ड मिला है. यह अवार्ड उन्हें लोकल फॉर वोकल को सही मायने में लागू करने के लिए मिला है. देवघर डीसी ने इस सम्मान को बाबा बैद्यनाथ का आशीर्वाद कहा. साथ ही उन्होंने देवघर मार्ट के तहत काम कर रहे सभी कारीगरों का आभार जताया.

Deoghar DC Manjunath Bhajantri got best collector award
देवघर डीसी को अवार्ड देते गृह मंत्री अमित शाह

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Published : Jan 18, 2023, 10:46 PM IST

देवघर: जिला के लिए खुशखबरी है कि मंजूनाथ भजंत्री पहले ऐसे उपायुक्त हैं, जिन्हें बेस्ट कलेक्टर का अवार्ड मिला है. बता दें कि लोकल फॉर वोकल को सही ढंग से अमलीजामा पहनाने वाले देवघर जिला के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को MSME कैटेगरी में एक्सीलेंस इन गवर्नेंस अवार्ड मिला है. यह अवार्ड भारत के गृह मंत्री अमित शाह के हाथों दिया गया है.

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देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को मिला है. जब देश कोरोना काल से जूझ रहा था, उससे पहले उपायुक्त द्वारा जिला के कारीगरों को देवघर मार्ट के जरिए एक उचित प्लेटफॉर्म देने का काम किया गया था. नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित करने से पहले आयोजकों द्वारा देवघर मार्ट पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई.

डीसी ने माना बाबा का आशीर्वाद: देश के गृह मंत्री अमित शाह के हाथों अवार्ड लेने के बाद डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इसे बाबा का आशीर्वाद माना है. डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इस अवार्ड के लिए कारीगरों सहित सभी का आभार भी व्यक्त किया है. उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को मिले बेस्ट कलेक्टर के अवार्ड से देवघरवासियों में खुशी देखी जा रही है. वहीं आने वाले दिनों में उपायुक्त द्वारा और भी विकास कार्य करने की उम्मीद जताई जा रही है.

देवघर मार्ट से क्या फायदा: देवघर मार्ट को ई-कॉमर्स से जोड़कर अंतरराष्ट्रीय बाजार देने की कोशिश की गई थी. जिसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया और देवघर मार्ट के जरीए यहां के पेड़े के अलावा स्थानीय कारीगरों द्वारा हस्त निर्मित सामानों की ऑनलाइन बिक्री से उनकी पहचान को निखारा गया है. खासकर कोरोना में जब कारीगरों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी थी, तब उन सभी कारीगरों को देवघर मार्ट से एक नयी उम्मीद मिली थी, जिसके परिणाम स्वरूप कारीगरों को एक नया आयाम लिखने को मिला और एक बाजार मिला जिससे वह निर्मित समानों का बिक्री कर पा रहे हैं.

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