देवघर: इस वर्ष बैद्यनाथ धाम में दो माह तक श्रावणी मेला का आयोजन किया जाएगा. मेले के सफल आयोजन की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और एसपी सुभाष चंद्र जाट ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की और मेला की तैयारियों को लेकर जानकारी ली. साथ ही उपायुक्त ने इस दौरान संबंधित पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए.
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मेले के सफल आयोजन को लेकर की मंत्रणाः देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने राजकीय श्रावणी मेला 2023 की तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों के साथ मंत्रणा की. इस दौरान उपायुक्त ने विभागवार मेला क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की. बैठक के दौरान उपायुक्त ने बताया कि तीन जुलाई को राजकीय श्रावणी मेला का उद्घाटन होगा. दूसरे दिन चार जुलाई से श्रावणी मेला की शुरुआत होगी. फिर चार से 17 जुलाई तक पहले चरण के मेला के बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास लग रहा है. उसके बाद पुनः 17 अगस्त से 31 अगस्त तक दूसरे चरण का श्रावणी मेला की तिथि निर्धारित है. ऐसे में सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में की जाने वाली तैयारियों और श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष रूप से इंतजाम करने की आवश्यकता है, ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित जलार्पण के साथ एक अच्छी अनुभूति प्राप्त हो सके.
सावन में वीवीआईपी पूजा पर पूर्णतः रोक: देवघर उपायुक्त ने राजकीय श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर (आउट ऑफ टर्न दर्शन) वीआईपी, वीवीआईपी दर्शन को पूर्ण रूप से बंद रखने का निर्देश दिया है, ताकि श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
मिलावटी सामान के बिक्री को लेकर सजग रहने का निर्देश : उपायुक्त ने मेला के दौरान पेड़ा बनाने हेतु खोवा के साथ अन्य खाद्य पदार्थों पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया है. साथ ही बाहर से देवघर आने वाले खोवा पर निगरानी हेतु रेलवे के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी को दिया है. उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध कार्य करनेवालों पर सख्त कार्रवाई करें.
सभी विभाग समय पर पूरा करें अपना टास्क: बैठक के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने राजकीय श्रावणी मेला के दौरान की जाने वाली तैयारियों की विभगार समीक्षा की. इस दौरान पथ निर्माण विभाग, जिला जनसम्पर्क विभाग, ऊर्जा विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, नगर विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, भवन प्रमंडल एवं पुलिस विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों पर विस्तृत चर्चा करते हुए समय पर सभी कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया.
सीसीटीवी से मेला क्षेत्र की होगी निगरानीः समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने राजकीय श्रावणी मेला 2023 के लिए विधि व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण और अपराध नियंत्रण के साथ-साथ यातायात की सुव्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को सीसीटीवी से कनेक्टेड करने का निर्देश दिया. साथ ही उपायुक्त ने पदाधिकारियों को आवंटित क्षेत्रों का निरीक्षण कर तमाम सुविधाओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
कांवरिया रूट लाइन की जानकारी लीः कांवरिया रूट लाइन की सुव्यवस्था की भी समीक्षा की. बैठक के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने एक-एक कर विभिन्न विभागों द्वारा दुम्मा से खिजुरिया रूट लाइन, बीएन झा पथ मोड़ से शिवगंगा घाट, बाबा मंदिर से फुट ओवरब्रिज तक, क्यू कॉम्प्लेक्स, तिवारी चौक से बीएड कॉलेज और बरमसिया चौक, नंदन पहाड़ से सिंघवा कालीबाड़ी मोड़ तक, शिल्पग्राम मोड़ से सर्किल से नंदन पहाड़ वाटर फिल्टर प्वाइंट, सिंघवा से कुमैठा क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर किए जाने वाले कार्यों पर चर्चा करते हुए संबंधित पदाधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिया. साथ ही इस दिशा में किये जाने वाले कार्यों की सूची उपायुक्त कार्यालय को समर्पित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया, ताकि आवयश्क सभी कार्यों को ससमय दुरुस्त किया जा सके.
टीम भावना के साथ काम करने की सलाह: उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को आगामी राजकीय श्रावणी मेला के दौरान टीम भावना और समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश वरीय अधिकारियों, दंडाधिकारियों, कार्यपालक अभियंता की टीम और पदाधिकारियों को दिया.
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मलमास की वजह से दो माह तक लगा रहेगा मेला: इस वर्ष श्रावणी मेला एक माह की जगह दो माह में समाप्त होगा. दरअसल, तीन जुलाई आषाढ़ मास की पूर्णिमा को राजकीय श्रावणी मेला का उद्घाटन होगा. इसके पश्चात चार जुलाई से 17 जुलाई तक पहले चरण के मेला के बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास लग रहा है. उसके बाद पुनः 17 अगस्त से 31 अगस्त तक दूसरे चरण का श्रावणी मेला की तिथि निर्धारित है. अब जाहिर है श्रावणी मेले में जो भी व्यवसायी अपने उत्पाद, अपनी दुकानों को लेकर आएंगे वे दो माह बाद मेला पूर्ण कर ही लौटेंगे. साथ ही सरकार की ओर से रूट लाइन और अन्य स्थानों पर जो पंडाल और साज-सज्जा की व्यवस्था होगी वह दो माह तक रहेगा. ऐसे में श्रावणी मेला दो माह तक लगा रहेगा.