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देवघर: जलमीनार बना शोभा की वस्तु, पटवन का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण - देवघर में जलमीनार बना शोभा की वस्तु

देवघर के कोकरिबांक पंचायत के रायडीह गांव में जलमीनार संचालित न होने के कारण ग्रामीण पटवन और नदी का पानी पीने को मजबूर हैं, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

bad condition of water tanker in deoghar
bad condition of water tanker in deoghar

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Published : Oct 13, 2020, 6:35 PM IST

देवघर: जिले के कोकरिबांक पंचायत के रायडीह गांव में ग्रामीणों को पेयजल की व्यवस्था उपल्बध कराने के लिए पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से लाखो खर्च कर, दो जलमीनार का निर्माण कराया गया. लेकिन जलमीनार संचालित ना होने के कारण सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया है, जिससे ग्रामीण पटवन और नदी का पानी पीने को मजबूर हैं, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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लाखों रुपए जलमिनार पर खर्च

रायडीह गांव में 60 की सख्या में ओबीसी परिवार, 40 घर सामान्य जाति के लोग, साथ ही साथ सैंकड़ों दलित परिवार के लोग हैं. सरकार की ओर से इन ग्रामीणों की पेयजल की समस्या का समाधान जलमीनार बनाकर किया गया था. लेकिन आज यह लाखों की लागत से बनाया गया जलमीनार सफेद हाथी साबित हो रहा है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि कुछ ही दिन इस जलमीनार का पानी ग्रामीणों को मिल पाया है. नतीजा यह है कि अब ये ग्रामीण पटवन और नदी का पानी पीने पर मजबूर हैं. ऐसे में ग्रामीण मुखिया और संबंधित विभाग को कई बार लिखित सूचना भी दी गई. लेकिन अब तक कोई पहल नहीं किया गया है, जिसके कारण उनकी स्थिति ऐसी है.

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मुखिया ने की शिकायत

मामले के बारे में जब मुखिया से पूछताछ की गई, तो अपना पल्ला झाड़ते हुए जल सहिया की जिम्मेदारी पर अपना ठीकरा फोड़ते हुए कार्रवाई की बात कर रहे हैं. मुखिया ने कहा कि पूरे पंचायत में 8 जलमीनार है, जिसमे से आधे संचालित है और आधे विभागीय अनदेखी के कारण बंद हैं. रायडीह गांव के जलमीनार का स्टार्टर खराब है, उसे जल्द ठीक कराया जाएगा, जिसकी लिखित शिकायत पीएचडी विभाग को दी गई है.

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